भारत का चंद्रयान -3 इतिहास रच दिया है. लैंडर विक्रम चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के साथ ही इतिहास के पन्नों में बलिया के सिताब दियारा का भी नाम जुड़ गया है, क्योंकि बलिया जिले के सिताब दियारा लाला टोली निवासी स्व. अरुण कुमार सिंह एवं मीरा देवी के पुत्र रजत प्रताप सिंह चंद्रयान-3 के पृथ्वी की कक्षा में पहुंचाने वाले रॉकेट की कंट्रोलिंग करके इस मिशन का हिस्सा बने हैं.
रजत छह साल पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की परीक्षा पास करके स्पेस इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना कदम रखे. सिताब दियारा के रजत प्रताप सिंह चंद्रयान को पृथ्वी की कक्षा में पहुंचाने वाले रॉकेट की कंट्रोलिंग करके इस मिशन का हिस्सा बने हैं.
विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के वैज्ञानिकों की टीम के एक सदस्य के रूप में अजय मिशन चंद्रयान को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित हो रहे जीएसएलवी मार्क रॉकेट के प्रक्षेपण और इसकी कंट्रोलिंग में पूरे उत्साह के साथ जुटे थे.
रजत प्रताप सिंह के चाचा मनोज कुमार सिंह ने बताया कि रजत ने प्राथमिक शिक्षा (आठवीं तक) लाल टोला मध्य विद्यालय सिताब दियारा में की, उसके बाद माधव प्रसाद सिंह उच्च विद्यालय गरीबा टोला से नौंवी कक्षा पास की. मुरादाबाद से प्लस टू करने के बाद रजत ने पंजाब विश्वविद्यालय से 2016 में बीटेक किया, उसके बाद 2017 में वे इसरो से जुड़ गए.
चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद सिताब दियारा स्थित घर में जश्न का माहौल हो गया, उनके पड़ोसी एवं ग्रामीणों ने पटाखे फोड़कर खुशी का इजहार किया. इस दौरान भारत माता की जय के नारे भी लगाए गए.