तंबाकू के प्रचार प्रसार पर रोक लगाने का अभियान शुरू नशामुक्त कराकर 39 लोगों को समाज की मुख्यधारा में किया गया शामिल

तंबाकू के प्रचार प्रसार पर रोक लगाने का अभियान शुरू 
नशामुक्त कराकर 39 लोगों को समाज की मुख्यधारा में किया गया शामिल  



जनपद में तम्बाकू उद्योग की ओर से सीएसआर के तहत चलाये जा रहे इसके सम्बंधित लोगो-डिस्प्ले के प्रचार-प्रसार को रोकने के लिये सम्बन्धित तम्बाकू नियंत्रण विभाग को आदेशित किया गया है। इसमें सीओटीपीए-2003 अधिनियम के आधार पर इस तरह के विज्ञापनों पर कार्यवाही कराई जाएगी। जिले में किसी भी इण्डिया तंबाकू कम्पनी लिमिटेड (तंबाकू उद्योग) की ओर से इस संपोषण अभियान के माध्यम से प्रचार-प्रसार पर रोक लगाने की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेश अग्रवाल ने दी।

सीएमओ डॉ अग्रवाल ने बताया कि अब तक 39 लोगों को किसी प्रकार के होने वाले दुष्परिणाम और जागरूकता से नशामुक्त कराया गया। उन्हें बताया जा रहा है कि जनहानि और बीमारियों का एकमात्र सबसे बड़ा कारण तम्बाकू सेवन है। तम्बाकू नियंत्रण कर उसके लाभ को समाज के हर उस व्यक्ति तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है, उसके डिस्प्ले प्रचार प्रसार कर बिक्री पर प्रतिबंध लगाकर नियंत्रण का प्रयास किया जा रहा है। नशे की लत व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक तौर पर कमजोर बना देती है इसको लेकर जानकारी भी दी जा रही है। कानूनन सिगरेट एवं अन्य उत्पाद अधिनियम, 2003 की धारा 4 सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना दंडनीय अपराध है। इसका उल्लंघन करने पर 200 रुपये तक का अर्थदण्ड है बताया जा रहा है।

नोडल अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ बीके यादव ने बताया कि धूम्रपान करने वाला व्यक्ति न केवल अपने जीवन के लिए बल्कि अपने परिवार व समाज के लिए भी कैंसर का खतरा पैदा करता है। तम्बाकू से फेंफड़ों का रोग, हृदय रोग, हार्ट अटैक और अभिघाट (लकवा) जैसी बीमारियों का जोखिम को बढ़ा देता है, जिला चिकित्सालय मऊ में एक तम्बाकू उन्मूलन केन्द्र की स्थापना की गई है, जहां काउन्सलर व मनःचिकित्सक (साईकोलॉजिस्ट) तैनात हैं जिससे तम्बाकू एवं किसी अन्य प्रकार की नशा युक्त चीजों को छोड़ने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति सलाह व परामर्श ले सकते हैं। 
जिला तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के जिला सलाहकार डॉ अश्विनी कुमार सिंह ने बताया कि इस तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत समस्त स्वास्थ्य इकाईयों, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, सरकारी कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों में 'यैलो लाइन कैम्पेन' के माध्यम से तम्बाकू मुक्त परिसर घोषित किये जाने का प्रवाधान है।