बाबा साहेब डॉ. आम्बेडकर के जन्मदिन को राष्ट्रीय पर्व/राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाय--डॉ. रामविलास भारती


कलेक्ट्रेट, मऊ। दिनाँक 02 अप्रैल 2021 को चुनाव आचार संहिता एवं कोविड 19 के नियमों का पालन करते हुए उत्तर प्रदेशीय अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति बेसिक शिक्षक महासंघ उ.प्र., महाबोधि समाज सेवा समिति उ.प्र., सम्यक समाज सेवा संस्थान एवं सोशल जस्टिस एडवोकेट फोरम उ.प्र. द्वारा संयुक्त रूप से डॉ. रामविलास भारती की अध्यक्षता में भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के जन्मदिन 14 अप्रैल को राष्ट्रीय पर्व/राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मतदान दिनाँक 15 अप्रैल 2021 की तिथि को परिवर्तित करने के सम्बन्ध में क्रमशः माननीय राष्ट्रपति महोदय, भारत सरकार , नई दिल्ली व मुख्य निर्वाचन आयुक्त , राज्य निर्वाचन आयोग, उत्तर प्रदेश को सम्बोधित ज्ञापन मा. जिलाधिकारी मऊ द्वारा प्रतिनिधि मुख्य राजस्व अधिकारी मऊ को दिया गया। इस अवसर पर अध्यक्ष डॉ. रामविलास भारती ने कहा कि भारतरत्न भारतीय संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीम राव आम्बेडकर के जन्मदिन 14 अप्रैल को पूरे राष्ट्रीय स्तर पर पूरे देश की आबादी का एक बड़े हिस्से द्वारा बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है।यहाँ तक कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अन्य देशों में भी बाबा साहेब की जयंती को मनाया जाता है किंतु इस तिथि को समय-समय पर अवकाश तो घोषित किया गया लेकिन इसे आजतक राष्ट्रीय पर्व/ राष्ट्रीय अवकाश घोषित नहीं किया गया है। भारतीय संविधान सर्वोपरि है, इसकी सर्वोच्चता को बनाते हुए इसके निर्माता और भारतरत्न बाबा साहेब डॉ. आम्बेडकर के सम्मान में उनके जन्मदिन 14 अप्रैल को राष्ट्रीय पर्व/राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाय। साथ ही 15 अप्रैल 2021 को होने वाले मतदान की तिथि को भी परिवर्तित किया जाय ताकि इनमें बाबा साहेब में आस्था रखने वाले शिक्षकों, कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा भी डॉ. आम्बेडकर के जन्मोत्सव में प्रतिभाग किया जा सके।
       एडवोकेट के.के.यादव ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. आम्बेडकर आमजन की धड़कन बन चुके हैं। भारतीय संविधान का सम्मान करना मतलब डॉ. आम्बेडकर का सम्मान होना चाहिए। एडवोकेट प्रेमचंद कौशल ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. आम्बेडकर अब पूरे देश के हर वर्ग समुदाय के पर्याय बन चुके हैं ऐसी स्थिति में भारतीयता के लिए आवश्यक है कि प्रथम भारतीय रहें, मध्य में भारतीय रहें और अंत तक सिर्फ और सिर्फ भारतीय ही बने रहें। इन्हें जातियों , धर्मों में बाटना बेमानी होगी। तेजभान ने कि बाबा साहेब डॉ.आम्बेडकर का जन्मदिन वास्तव में बुद्धाब्द 2566 व आम्बेडकर सन 130 का नव वर्ष का शुभारंभ भी है। इसलिए इसे राष्ट्रीय पर्व/राष्ट्रीय अवकाश के रूप घोषित होना करोड़ों लोगों की भावना के साथ भी न्याय होगा।
       इस अवसर पर रामचंद्र, दुक्खी प्रसाद, अनुज कुमार, तेजभान संदीप कुमार, अजीत कुमार, शिवपूजन, अनीता, विनोद कुमार, एडवोकेट शिवकुमार यादव, एडवोकेट खूबलाल, एडवोकेट कलीम अजमद, एडवोकेट रमन आदि उपस्थित रहे।