भारतीय शिक्षा बोर्ड (BSB) द्वारा जनपद मऊ में विद्यालय प्रबंधकों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक एवं संगोष्ठी का भव्य आयोजन लिटल फ़्लॉवर इंटरनेशनल स्कूल, मऊ में संपन्न हुआ। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य जिले के विभिन्न विद्यालयों को भारतीय शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली, शैक्षिक दृष्टिकोण, नीतियों एवं भविष्य की शैक्षिक दिशा से अवगत कराना था। कार्यक्रम में जनपद के अनेक प्रतिष्ठित विद्यालयों के प्रबंधक, शिक्षाविद, संचालक एवं शिक्षा क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।बैठक के मुख्य वक्ता डॉ. एन. पी. सिंह (पूर्व आई.ए.एस.), चेयरमैन – भारतीय शिक्षा बोर्ड, भारत रहे। उन्होंने बोर्ड की अवधारणा, लक्ष्य एवं राष्ट्रीय महत्व पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा, "भारतीय शिक्षा बोर्ड भारतीय ज्ञान परंपरा, संस्कृति, नैतिक मूल्यों और आधुनिक शिक्षा के समन्वय से एक ऐसे शैक्षिक ढाँचे का निर्माण कर रहा है, जो न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देगा, बल्कि विद्यार्थियों में राष्ट्रनिर्माण की भावना और जीवन कौशल भी विकसित करेगा। इस दिशा में विद्यालयों का सहयोग अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।"कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्ट अतिथि संतोष कुमार उपाध्याय ने भी बोर्ड की पहल को सराहते हुए कहा, "शिक्षण प्रणाली में समय-समय पर आवश्यक सुधार और नवाचार अत्यंत आवश्यक हैं। BSB का मॉडल बच्चों को न सिर्फ शिक्षित करेगा, बल्कि उन्हें सक्षम, संवेदनशील और जिम्मेदार नागरिक बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। विद्यालयों को इस परिवर्तनकारी प्रक्रिया का हिस्सा बनना चाहिए।"संगोष्ठी के विशेष अतिथि, जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) – श्री गौतम प्रसाद ने कहा, "यह बैठक विद्यालयों के लिए अत्यंत लाभप्रद रही। भारतीय शिक्षा बोर्ड की नीतियों, प्रक्रियाओं और उद्देश्यों को समझने से विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता, अनुशासन और नवाचार को नई दिशा मिलेगी। प्रशासन ऐसी सकारात्मक पहलों के लिए हमेशा सहयोग हेतु तत्पर रहेगा।"बैठक के दौरान विद्यालय प्रतिनिधियों ने भी बोर्ड के प्रयासों की प्रशंसा की और भविष्य में BSB के साथ सहयोग एवं संवाद को और मजबूत करने का आश्वासन दिया। सभी ने यह माना कि इस प्रकार की बैठकों से शिक्षण व्यवस्था अधिक पारदर्शी, प्रभावी और गुणवत्तापूर्ण बनती है।अंत में सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आयोजकों ने कहा कि भारतीय शिक्षा बोर्ड का उद्देश्य देशभर के विद्यालयों को एक समान, समृद्ध और मूल्य आधारित शिक्षा प्रणाली से जोड़ना है, जिससे भविष्य की पीढ़ी अधिक सक्षम और सशक्त बन सके। साथ ही यह भी बताया गया कि अब विद्यालयों को CBSE और UP Board की तरह भारतीय शिक्षा बोर्ड से भी मान्यता प्राप्त करने का अवसर उपलब्ध होगा, जिससे शैक्षणिक विकल्प और व्यापक रूप से बढ़ सकेंगे।कार्यक्रम में मुख्य रूप से बृज मोहन, राजन विश्वकर्मा, साक्षी पाण्डेय, मनुश्री गुप्ता, मुरलीधर, संगीता द्विवेदी, विजय बहादुर, हरे कृष्ण बरनवाल सहित सैकड़ों विद्यालय प्रबंधक उपस्थित रहे ।
