एसडीएम न्यायिक सत्यप्रकाश बने   प्रशासनिक एसडीएम 





घोसी, मऊ। घोसी तहसील में न्यायिक पद पर रहते हुए अपने दायित्वों को कुशलता से निभाने वाले एसडीएम (न्यायिक) सत्यप्रकाश को अब प्रशासनिक एसडीएम की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। उनके इस नई भूमिका में पदभार ग्रहण करने से प्रशासनिक गतिविधियों में पारदर्शिता और गति आने की उम्मीद जताई जा रही है।

प्रशासनिक एसडीएम बनने के बाद सत्यप्रकाश ने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप कार्य करना ही उनकी प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक निर्णय में जनहित सर्वोपरि रहेगा और प्रशासनिक व्यवस्था को अधिक सशक्त बनाया जाएगा।

न्यायिक अनुभव के आधार पर एसडीएम सत्यप्रकाश ने यह स्पष्ट किया कि वादों के निस्तारण में किसी प्रकार की देरी नहीं होने दी जाएगी। न्यायिक प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता के साथ संचालित किया जाएगा ताकि जनता को समयबद्ध न्याय मिल सके।

उन्होंने बताया कि नियमित रूप से "जनता दर्शन" आयोजित किया जाएगा, जहां आमजन अपनी समस्याएं सीधे उनके समक्ष रख सकेंगे। इस पहल से प्रशासन और जनता के बीच संवाद बेहतर होगा और समस्याओं का समाधान शीघ्र संभव हो सकेगा।

एसडीएम सत्यप्रकाश ने कहा कि गरीबों, वंचितों, महिलाओं और मजलूमों की समस्याओं को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य है कि कोई भी व्यक्ति न्याय से वंचित न रहे, खासकर समाज का वह वर्ग जिसकी आवाज अक्सर अनसुनी रह जाती है।

सत्यप्रकाश ने सभी अधिवक्ताओं, प्रशासनिक अधिकारियों और आमजन के प्रति आभार जताते हुए कहा कि वह सभी की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का हरसंभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि वे प्रशासन और जनता के बीच सेतु बनकर काम करेंगे, ताकि विकास और न्याय दोनों सुनिश्चित हो सके।

प्रशासनिक एसडीएम बनने पर जिले और तहसील के वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने सत्यप्रकाश को बधाई दी। वरिष्ठ अधिवक्ता कालिका दत्त पाण्डेय, दिनेश राय, भुवेश श्रीवास्तव, तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल कुमार मिश्र, रमेश श्रीवास्तव, अखिलेश सिंह, ब्रह्मदेव उपाध्याय, अजय कुमार सिंह, नजमुल इकबाल, सुतीक्ष्ण मिश्र, अतुल शर्मा सतीश पांडे और उमाशंकर उपाध्याय सहित कई अधिवक्ताओं ने उन्हें शुभकामनाएं दीं। सभी ने आशा व्यक्त की कि उनके कार्यकाल में न्याय और प्रशासन दोनों ही सुदृढ़ होंगे।