कलेक्ट्रेट-मऊ। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल (पू.मा.) शिक्षक संघ उ०प्र० के प्रांतीय आह्वान पर जनपद इकाई मऊ द्वारा जिलाध्यक्ष डॉ.रामविलास भारती की अध्यक्षता में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 01 सितंबर 2025 द्वारा सभी शिक्षकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) की अनिवार्यता संबंधी दिए गए निर्णय पर अध्यादेश लाकर संशोधित किये जाने के सम्बंध में संबोधित मांगपत्र मा. प्रधानमंत्री जी एवं मा. मानव संशाधन विकास मंत्री जी (शिक्षा मंत्री) भारत सरकार नई दिल्ली को संबोधित मांगपत्र जिलाधिकारी महोदय मऊ प्रतिनिधि अतिरिक्त मजिस्ट्रेट दीपक सिंह को सौंपा गया। वैसे तो बेसिक शिक्षक सदैव शासन, प्रशासन, अधिकारीगणों एवं माननीय न्यायालयों द्वारा पारित सभी आदेश/निर्देश का अक्षरशः पालन किया जाता है। यही नहीं बल्कि किसी भी राष्ट्रीय कार्यक्रम को सफल बनाने में भी इनकी महती भूमिका होती है। किन्तु टेट संबंधी यह निर्णय शिक्षक हित में न होने के कारण बहुत से शिक्षकों की नौकरी संकट में आ गई है। ऐसी स्थिति में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा पुनर्विचार एवं RTE एवं NCTE अधिनियम लागू होने के पूर्व नियुक्त शिक्षकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा से छूट प्रदान किया जाना आवश्यक है। जिससे शिक्षक अपनी नौकरी बचाने में ऊर्जा खर्च करने की बजाय शैक्षिक गुणवत्ता पर लगा सके। जिलाध्यक्ष डॉ. रामविलास भारती ने खा कि जब 23 अगस्त 2010 के पूर्व नियुक्त बेसिक शिक्षक शिक्षक पात्रता परीक्षा में निर्धारित शर्तों के अनुसार आवेदन ही नहीं कर सकेगें तो फिर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन किस प्रकार सम्भव हो सकेगा। ऐसी स्थिति में देश के लगभग 40 लाख तथा उत्तर प्रदेश के करीब 04 लाख बेसिक शिक्षको को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। इस स्थिति में देश के 40 लाख बेसिक शिक्षकों के परिवार बेघर तथा भुखमरी के कगार पर आ जाएंगे। शिक्षक हित में सरकार अध्यादेश लाकर शिक्षकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) से मुक्त करे।
इस मांगपत्र का समर्थन कर रहे प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नित्य प्रकाश यादव ने कहा कि यदि सरकार शिक्षक हित में कोई निर्णय नहीं लेती है तो हम शिक्षक देश व्यापी आंदोलन करेंगे। वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओमप्रकाश चंद्रा ने कहा कि तीन वर्ष से अभी तक सरकार ने टेट की परीक्षा नहीं कराई है जबकि दो वर्ष में शिक्षकों को टेट उत्तीर्ण करने की बात कही गई है जो पूर्णतः अव्यवहारिक है। जिला महामंत्री अनवारूल हक ने कहा कि वर्तमान समय में टेट के लिए स्नातक होना जरूरी है जबकि वर्ष 2001 से पूर्व नियुक्त बेसिक शिक्षक इंटर मीडिएट एवं बी०टी०सी० प्रशिक्षण योग्यता धारी हैं। इस कारण योग्यता के अभाव में शिक्षक पात्रता परीक्षा का आवेदन ही नहीं कर पाएंगे। मंडलीय कोषाध्यक्ष शिवशंकर राम ने कहा कि मृतक आश्रित के रूप में नियुक्त शिक्षक 31 दिसम्बर 1999 तक प्रशिक्षण योग्यता से शासन द्वारा प्रशिक्षण मुक्त हैं। तथा वर्तमान समय में टेट आवेदन हेतु उम्र 40 वर्ष है। जबकि 2015 के पहले नियुक्त शिक्षक सभी लगभग 40 वर्ष से ऊपर हैं। ब्लॉक अध्यक्ष रिजवान अहमद ने कहा कि विभाग तथा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2018 से बेसिक शिक्षक की योग्यता बी0टी0सी0/डी0एल0एड0 निर्धारित की गई है। जबकि उक्त तिथि से पूर्व नियुक्त बी.पी.एड., बी.एड. बेसिक शिक्षक भी शिक्षक पात्रता परीक्षा में आवेदन नहीं कर पाएंगे। इस अवसर पर अनवारूल हक, नित्यप्रकाश यादव, रिजवान अहमद, ओमप्रकाश चंद्रा, सुनील सिंह, शिवशंकर राम, विजय कुमार, बाबूराम, सुभाष राम, मनोज कुमार, ज्ञानचंद कन्नौजिया, गोपाल जी, हरिन्द्र कुमार, एडवोकेट सन्नी राव, एडवोकेट जयनाथ निषाद, प्रदीप कुमार सिंह, रामरतन, कमला, प्रेमचंद, संजीव कुमार, श्यामदेव, मीरा, वंशराज, पृथ्वीराज, विजय बहादुर, राजकुमार, बृजेश सागर, आदि उपस्थित रहे।