रामायणम् परिवार, मऊ के तत्वाधान में चल रहे दिव्य-भव्य श्री राम कथा अपने पांचवे दिन में प्रवेश की, कथा से पूर्व आचार्य शान्तनु जी महाराज जी जनपद के विभिन्न पौराणिक स्थल बड़ा पोखरा स्थित प्राचीन शिव मंदिर एवम श्री शीतला मंदिर पे पूजा अर्चना किया, और फिर कथा स्थल से अपनी व्यास पीठ के साथ समय और पद की महत्ता पे प्रकाश डाला उन्होंने मंच से कहा कि समय परिवर्तनशील है आज सुख है तो कल दुख आएगा और इसका उल्टा भी जरूर होगा, इसके साथ ही श्री राम कथा में केवट संवाद का वर्णन किया, उन्होंने कहाँ श्री राम चाहते तो राम बन गमन के लिए कोई भी रास्ता अपना सकते थे लेकिन उन्होंने एक वंचित निषाद के साथ समाज को एक संदेश देने का प्रयास किया, की सबको साथ लेके चलने का प्रयास करें, कार्यकम का अंत श्री राम लक्ष्मण और माता सीता के बन गमन के साथ किया, उसमे भी एक संदेश छुपा है मिलती हुई राज-पाठ को पिता के वचन की मर्यादा रखते हुए, सारा राज पाठ छोड़ 14 वर्ष के वनवास के लिए चले, कार्यकम में मुख्य अतिथि के रूप में मनोज राय, नूपुर अग्रवाल, अशोक सिंह, आचार्य अमित पांडेय संग सभी श्रोता उपस्थित रहे, कार्यक्रम के यजमान के रूप में तेज भान सिंह और संदीप शिवा सहपरिवार उपस्थित रहे, कार्यकम में रामायणम् परिवार, मऊ के सभी सदस्यों ने सभी आगंतुकों का स्वागत सत्कार किया.।।।
