बहु निखत बानो के गिरफ्तारी पर कहा कि एक नया चैप्टर खोल दिया गया है -- सांसद अफजाल अंसारी


यह मीडिया के लिए भी एक बहुत ही चटपटा चैप्टर है 

इस दौरान बहु निकहत बानो पर नया केस दर्ज होने पर बताया कि एक नया चैप्टर खोल दिया गया है मीडिया के लिए भी चटपटा चैप्टर है एक सभ्य समाज के लिए दुर्भाग्यपूर्ण चैप्टर है हम राजनीति में है और राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में हमारे विरुद्ध जो परास्त होने वाली ताकतें हैं वह सत्ता में है हमारे विरुद्ध जो एक्शन है वह समझ में आती है। परिवार के ऐसे लोग जिनका इससे कोई सरोकार नहीं है उन्हें भी लपेटा जा रहा है और अब एक महिला को भी इसमें घसीटा गया है।

उन्होंने बताया कि जो f.i.r. लिखी गई है उसे आप खुद पढ़ेंगे तो हास्यास्पद लगेगा f.i.r. पुलिस अधिकारी ने लिखवाई है उसमें कई तरह के विरोधाभास हैं उन्होंने जो आरोप लगाया है उन्होंने इसमें उनके विचार और भावनाएं तक लिख दिया है एक महिला मुलाकात करने के लिए आई और आरोप लगा कि जेल से मुलाकात रजिस्टर में उसका नाम नहीं है जेल का मुलाकात रजिस्टर और डायरी किसके पास है कौन भरता है उसे।

निकहत बानो के साथ जेल कर्मियों पर भी मुकदमा दर्ज हुआ है इस पर उन्होंने कहा कि पुरस्कार भी मिला है कोई बड़ी उपलब्धि होती है तो पुरस्कार भी मिलता है यह संकेत है कि लीक से हटकर के जिस तरीके से उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी तो पुरस्कार मिलेगा लोक पचा नहीं पा रहे हैं कि न्यायपालिका की कुर्सी पर बैठकर इतना बड़ा व्यक्ति कोई राज्यसभा का एमपी बनता है तो कोई राज्यपाल बनाया जा रहा है लगातार उस पर टीका टिप्पणी या हो रही है उसे छिपाए रखिए देश की जनता व और उनके है कि उनकी करने वालों को लगातार पुरस्कार दिया जा रहा है।कुकर्म को उजागर करने वालों को लगातार सजा । जिस तरीके से अधिकारियों और कर्मचारियों को फंसाया गया है उन के माध्यम से पहले कोशिश किया जाता रहा हो तुम इस तरह का कोई खड़ यंत्र करो और वह उस को अंजाम देने के लिए नहीं तैयार हुए लो अब सजा भुगतो। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इसमें साजिश है एक साजिश हुआ है जो हुआ और दूसरी साजिश गोदी मीडिया के लोग इसे खूब उठाओ सबसे बड़ा आरोप है कि एक महिला मिलने गई थी तो वह उसकी पत्नी ही है और सबसे बड़ी बात हुई थी वह जेल में मुलाकात कर रही थी और उसकी परमिशन नहीं थी और उसकी तलाशी में दो मोबाइल मिला परिवार को सदस्यों को मिलना लीगल राइट में है।

इस दौरान उन्होंने बताया कि जितने भी धाराएं लगी हैं उन धाराओं में 7 साल से अधिक की सजा नहीं है ऐसे मामले में आरोपी अगर जमानत मानता है तो उसे जमानत देनी है।