विश्व रेबीज दिवस मनाया गया


इन जानवरों से सावधान, काटे जाने के बाद लगवाएं रेबीज के इंजेक्शन

कुत्ते, बिल्ली, बंदर और सियार के काटने पर झाड़-फूंक, ओझा–सोखा के चक्कर में ना पड़े

सभी सीएचसी और जिला चिकित्सालय में नि:शुल्क उपलब्ध 
 
जनपद स्थित मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में 28 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस मनाया गया। इस दौरान घरेलू पशु जैसे कुत्ते, बिल्ली, सियार व बंदर के काटने से रेबीज होने के प्रति जागरूक किया गया।


सीएमओ डॉ नरेश अग्रवाल ने बताया कि हमारे घरों से लेकर बाहर तक गांव से लेकर शहर तक पालतू पशु तथा बाहर में निराश्रित पशुओं के काटने की घटनाएं होती हैं। इसमें कुत्ते, बिल्ली, बंदर और गांवों में सियार आदि होते हैं। यह जानवरों के काटने के बाद मनुष्यों में आता है। मनुष्य के 99 % मामलों में कारण, कुत्ते का काटना होता है। मनुष्य के शरीर में रेबीज़ का वायरस, रेबीज़ से पीड़ित जानवर के काटने, उससे होने वाले घाव और खरोंच एवं लार से प्रवेश करता है। 

डॉ नरेश अग्रवाल ने बताया कि कुत्ते के काटने के बाद रेबीज के लक्षण एक से तीन महीने में दिखाई देते हैं। इससे हमें हमेशा सजग रहने की आवश्यकता है। घर का पालतू पशु हो या बाहरी उनके काटने के बाद तुरंत फर्स्ट प्रिकाशन लेते हुए काटे हुए जख्म को लाइफब्वॉय साबुन से अच्छी तरह से धुलने के पश्चात स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या जिला अस्पताल पर पहुंच कर रेबीज के इंजेक्शन लगवाने चाहिए जो सरकार द्वारा पूरी तरह से नि:शुल्क है।

जिला सर्विलांस अधिकारी (डीएसओ) डॉ एचएन मौर्य ने बताया कि इस समय गांव से लेकर शहर तक हर जगह पालतू पशु तथा आवारा पशुओं के द्वारा काटे जाने की नित्य सूचनाएं मिल रही हैं, जिसमें बच्चे, जवान, बड़े-बूढ़े, लड़कियाँ और महिलाएं शामिल हैं। इन जानवरों के काटे जाने के बाद जरा सी लापरवाही जिंदगी पर भारी पड़ जाती है। इनके द्वारा काटे जाने के बाद किसी तरह के झाड़-फूंक, ओझा–सोखा के चक्कर में ना पड़े जल्द से जल्द मरीज को अपने नजदीक के किसी भी सामुदायिक या जिला अस्पताल पर लेकर पहुंचे और वहां पर रेबीज का टीका विशेषज्ञ चिकित्सक के परामर्श के साथ लगवाएं, साथ ही सबको यह जागरूक होने की जरूरत है कि अपने घरों में पाले जाने वाले कुत्ते, बिल्ली इन जानवरों का निश्चित समय पर एंटी रेबीज का टीकाकरण जरूर करायें।
इस मौके पर वेक्टर बर्न नोडल डॉ आरबी सिंह, डीआईओ डॉ बृजेश कुमार यादव, डॉ आर.एन. सिंह नोडल एनयूएचएम, रविशंकर ओझा महामारी विशेषज्ञ, विवेक सिंह-डीपीसी, दुर्गा मौर्य, बेदी यादव डीएमओ सहित स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे