मऊ : बाबा नागार्जुन, महाप्राण निराला, धर्मवीर भारती, महादेवी वर्मा, पूर्व राज्यपाल विष्णुकांत शास्त्री जैसे समकालीन साहित्यकारों के बीच अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले नाहर जी सबके दुलरुआ थे. उनके पुत्र समाजसेवी राजकुमार सिंह राजा का जन्म प्रयागराज में धर्मवीर भारती जी के उस भवन में हुआ जिसे नाहर जी ने खरीद लिया था. जब वह एमए में पढ़ने के दौरान अपनी कक्षा में पहुंचे तो पाठ्यक्रम में सम्मिलित उनकी रचना को उन्हें ही पढ़ाया गया. 96 वर्ष की अवस्था में उन्होंने शुक्रवार की सुबह 7:30 बजे अंतिम साँस ली. तमसा तट के ऐसे अजस्र साहित्य साधक को मुक्तिधाम पर श्रद्धांजलि देने वालों में पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष अरविंद सिंह, पुरुषार्थ सिंह, प्रवीण राय सहित जनपद के साहित्यकारों व समाजसेवियों ने शोक प्रकट किया.
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मऊ --महान साहित्य साधक डा. रतिभानु सिंह नाहर पंचतत्व में विलीन. सर्वेश्वरी मुक्तिधाम ढेकुलियाघाट पर हुआ अंतिम संस्कार, पौत्र ने दी मुखाग्नि