केंद्र और राज्य सरकार कोरोना पॉज़िटिव के इलाज के साथ ही आम लोगों की शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर संक्रमण से बचाने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। इन औषधियों का सफल प्रयोग प्रदेश से सटे बिहार राज्य में भी सफलतापूर्वक किया जा रहा है। कोरोना का निश्चित इलाज न होने के कारण, यह औषधियाँ लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी सफल रही हैं। मऊ जिले के आयुर्वेदिक चिकित्सालयों के माध्यम से निःशुल्क आयुष (आई-64) टेबलेट व अणु तेल का वितरण किया जा रहा है। यह दवा आयुष मंत्रालय की ओर से वितरण के लिये दी गई हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीशचन्द्र सिंह ने बताया कि जो व्यक्ति कोरोना उपचाराधीन के संपर्क में आए हैं। उन्हें यह काढ़ा और अन्य आयुर्वेद की दवाओं के माध्यम से उपचारित कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिये चिकित्सक द्वारा परामर्श दिया जाता है। जांच रिपोर्ट पॉज़िटिव आने पर व्यक्ति की स्थिति के अनुसार एल-टू या होम आइसोलेशन के लिये सलाह दी जा रही है।
राजकीय क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ जयराम यादव ने बताया कि कोरोना पॉज़िटिव के निकट हाई रिस्क एरिया में रहने वाले व्यक्तियों को कोविड-19 संक्रमण होने का खतरा ज्यादा होता है। निकटतम अस्पताल में पंजीकरण कराकर निःशुल्क दवा प्राप्त कर सकते हैं। रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए निःशुल्क आई-64 की गोली व नाक में डालने के लिए अणु तेल दिया जा रहा है। यह दवा जहां इम्युनिटी में बढोत्तरी करती है, वहीं तेल के उपयोग से नाक की कैनाल को वायरस से लड़ने की क्षमता मिलती है। इसके कारण नाक के जरिए संक्रमण का खतरा कम होता है। यह दवा मलेरिया और बुखार में भी फायदेमंद है। इसके लिए डॉ जयराम ने सलाह दी कि दवा का प्रयोग चिकित्सक की सलाह पर ही करें। निकटतम आयुष अस्पताल के पूरे स्टाफ के माध्यम से उस क्षेत्र में निःशुल्क दवाएं वितरित की जा रही हैं।