मऊ: उत्तर प्रदेश की 17 अति पिछड़ी जातियां केवट, बिंद ,निषाद, मछुआ, माझी ,कहार ,कश्यप, भर राजभर ,तूरहा, मल्लाह ,धीमर ,धीवर ,बाथम ,कुम्हार प्रजापति, गुड़िया जो उत्तर प्रदेश की अनुसूचित जाति की उपजाति पर्यायवाची समकक्ष समनाम है पूर्व की उत्तर प्रदेश सरकार ने 23/12/2016 को शासनादेश जारी कर अनुसुचित जाति का समस्त लाभ देने का आदेश जारी किया था।जिसको पुनः वर्तमान सरकार ने 24/06/2019 को नया शासना देश जारी कर वापस ले लिया जबकी सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने 27/08/2020 को 341(1)एवम् 342(1)के अधिन राज्य सरकार का अधिकार होने का निर्णय दिया है उसी आधार पर महामहिम राष्ट्रपति को जिलाधिकारी महोदय के द्वारा ज्ञापन दिया गया और राष्ट्रपति महोदय से 17 अति पिक्षणी जातियों के साथ न्याय करते हुए पूर्व के जारी राज्य सरकार द्वारा शासनादेश व सुप्रीम कोर्ट के वृहद पीठ के निर्णय को क्रियान्यव करने के लिए निर्देशित किया जाय जो 17 जातियों के लिए अत्यन्त आवश्यक है और यही न्याय संगत होगा तथा समाज की मुख्य धारा मे इन सभी को लाया जा सकता है इस अवशर पर उपस्थित रहे।

