श्री विश्वकर्मा भगवान विश्व के प्रथम शिल्पी अर्थात इंजीनियर थे।उन्होंने ही अपनी शिल्प कला से द्वारिका नगरी व श्री रामेश्वरम सेतु तथा रावण के रहने के लिए सोने की लंका का निर्माण किया। उक्त विचार है श्रीहनुमत कृपा सेवा समिति के प्रमुख तथा श्री राम कथा मर्मज्ञ कमलेश जी महाराज के । नगर मुसरदह मोड़ स्थित विनोद बरनवाल के कारखाना में श्री विश्वकर्मा पूजन के दौरान उक्त विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा भगवान की पूजा करने से समृद्धि एवं उत्साह में वृद्धि होती है। इसलिए आज के शुभ दिन में हम कल कारखानों के उपकरण की पूजन करते हैं। कारखाना के शुभारंभ के अवसर पर आयोजित सुंदरकांड पाठ को संबोधित करते हुए डॉक्टर रामगोपाल गुप्ता ने कहा कि पूजा पाठ करने से संपूर्ण वातावरण एवं मन का अंतः करण शुद्ध होता है ।जो जीवन में सुख शांति एवं समृद्धि देता है ।इस अवसर पर भजन और कीर्तन व सुंदरकांड का संगीतमय पाठ किया गया तत्पश्चात श्री विश्वकर्मा भगवान तथा श्री हनुमान जी महाराज का आरती उतारते हुए प्रसाद वितरण किया गया ।इस अवसर पर मुख्य रूप से अजय कुमार गुप्ता रामप्यारे रवि प्रकाश बरनवाल सूर्य प्रकाश बरनवाल नंदलाल मौर्य सत्यजीत राय श्री राम लोहिया लोहिया अरुण वर्मा आनंद कुमार गुप्ता अश्वनी वर्मा दीप मद्धेशिया रवि चौरसिया अर्जुन राजभर विक्की बरनवाल आदि मौजूद रहे ।