मऊ। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं मऊ जनपद के जिलाध्यक्ष उमाशंकर ओमर ने प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर के मंडी के भीतर लिए जाने वाले शुल्क को पूरी तरह से समाप्त किए जाने की मांग की है।
श्री ओमर ने मुख्यमंत्री श्री योगी को लिखे पत्र में कहा है कि भारत सरकार द्वारा 5 जून 2020 को जारी कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य अध्यादेश 2020 के अनुसार मण्डी के बाहर व्यापार करने पर कोई शुल्क नही देना होगा। जबकी मण्डी के अन्दर व्यापार करने वाले व्यापारियों को शुल्क देना होगा। यह व्यवस्था ना तो किसानों के हित में है ना तो आढ़तियों के। किसान और आढ़तिये एक गाड़ी के दो पहिये हैं। प्राचीनकाल से आढ़तिया किसानों की उपज का सही दाम लगवाकर बेचता है तथा उसका भुगतान किसान को नकद मिल जाता है। किसान तो पहले से ही अपनी उपज किसी भी राज्य में ले जाकर बेचने को आजाद है।
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मण्डल की पहले से मांग थी कि मण्डी शुल्क समाप्त किया जाये, कई राज्यों ने पहले ही मंडी बोर्ड भंग किया हुआ है। अगर मण्डियों से मण्डी शुल्क समाप्त नही हुआ तो वो दिन दूर नही है, जब किसान अपनी उपज मण्डियों में नही लायेगा ,और इससे किसान को अपनी उपज का सही दाम नही मिलेगा। इससे मण्डी व्यवस्था भंग हो जायेगी, और मण्डियों में बैठे करोड़ों व्यापारी, कर्मचारी और मजदूर बर्बाद हो जायेंगे।
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष उमाशंकर ओमर ने आगे कहा है कि इस कोरोना काल में देश के व्यापारियों ने जरुरतमंदों की तन-मन-धन से सेवा की है, तथा प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री राहत कोष में भी व्यापार ठप होने के बावजूद पूरी मदद की है। बिना व्यापारियों के प्रधानमंत्री जी का सबका साथ - सबका विकास का नारा कैसे फलीभूत हो सकता है? किसानों एवं व्यापारियों के हित के लिये मण्डी शुल्क समाप्त होना चाहिये।
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मण्डल यह मांग करती है कि मण्डी के अन्दर लगने वाले ढ़ाई प्रतिशत मंडी शुल्क को पूरी तरह से किसान एवं व्यापारी हित में समाप्त किया जाए। इससे प्रदेश सरकार की लोकप्रियता में और भी श्री वृद्धि होगी, तथा व्यापारी भी लाभान्वित होंगे।