*मऊ में हालात शांत है, घटना की शुरुआत कुछ अचानक इस तरह हुई के किसी को गुमान नही था*
सबसे पहले आज 2.30 बजे के पास कुछ छात्र और छात्र नेता नेता मार्च करते हुए सदर चौक से मिर्ज़हदी पूरा चौक पर पहुचे। रास्ते भर अलग छेत्रो से नौजवान छात्र उसमें बढ़ते चले गए। जिमिया में बीती रात की घटना से लोगो मे रोष था ही।
मिर्ज़हदीपुरा पहुचते पहुचते काफी भीड़ बढ़ गयी थी। भीड़ को बेकाबू होता देख कर छात्र नेता वहां से हट गए और भीड़ बढ़ती गयी। CAA (नागरिकता संशोधन एक्ट) के विरोध में छात्रों में खास तौर से बहुत रोष है। छात्रों को नजवानो का समर्थन मिलता गया।
जिस लड़ाई को शान्ति पूर्वक लड़ना था उसमें सेंध लगाकर आंदोलन की धार कुंद करने का वाला काम किया गया है। इसी काम को हमलोगों को राजनैतिक दलों के बैनर तले करना था। 19 दिसम्बर को बाम दलों और समाजवादी पार्टी का मार्च और धरना पहले से निर्धारित है। आज नगर मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक से मुलाकात करके हमलोगों ने कार्यक्रम की सूचना भी दे दी थी।
इसमें कोई शक नही के पुलिस ने बहुत समझदारी, सूझबूझ और संययम से काम लिया, वरना बड़ी घटना होसकती थी। पुलिस ने ध्यान रखा के आंदोलनकारी अधिकतर छोटे छात्र और कम उम्र नौजवान थे।
पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य लगातार मौके पे मौजूद रहकर पुलिस को नियंत्रित करते रहे। घटना की सूचना मिलते ही मैं मिर्ज़हदीपुरा फहुँचा तो पत्थर चल रहे थे।मैंने भी हाथ जोड जोड़ कर नौजवानों को समझने और वापस होने को कहा, मगर कोई सुनने को तैयार नही हो रहा था।
कई पत्रकारों और पुलिस की बाइक में आग लगा दी गयी , मेरे स्कूटर को तोड़ दिया गया। थाने में रखी बाइक में भी आग लगाई गई।
पुलिस को शांति बनाने के लिये आंसू गैस के साथ हवा में गोलियां भी चलानी पड़ी। लोगो को रोकने के लिये मुझे पुलिस और नौजवानों के बीच जाना पड़ा जिसमे मुझे भी कई पत्थर लगे।
जब चौक पर नौजवान धरने पर बैठे थे शाम को नौजवानों के पास पुलिस अधीक्षक ने सोयम जाकर उनसे बात करने का बहुत प्रयास किया, मगर भीड़ जुटाने वाले नेता गायब थे, इसलिये कोई बात सुनने को तैयार नही था।
पुलिस के जाम हटाने के प्रयास के बाद पत्थरबाजी और लाठी चार्ज हुआ। भीड़ भड़क गई और कई तरफ से तोड़फोड़ शुरू होगई।
पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिये कर्फ्यू का ऐलान किया तब भीड़ वापस हुई है, हालांकि बाद में शांति होने के बाद प्रशाशन ने बताया कि कर्फ़ीव अब शहर में नही है।
इस घटना को लेकर शहर के समझदार नागरिक बहुत चिंतित हैं। नगर में धारा 144 नाफ़िज़ की गई है। नगर में शांति है, लोगो को अफवाहों सेबचना चाहिये।
*अरशद जमाल पूर्व चेयरमैन मऊ*
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सबसे पहले आज 2.30 बजे के पास कुछ छात्र और छात्र नेता नेता मार्च करते हुए सदर चौक से मिर्ज़हदी पूरा चौक पर पहुचे। रास्ते भर अलग छेत्रो से नौजवान छात्र उसमें बढ़ते चले गए। जिमिया में बीती रात की घटना से लोगो मे रोष था ही।
मिर्ज़हदीपुरा पहुचते पहुचते काफी भीड़ बढ़ गयी थी। भीड़ को बेकाबू होता देख कर छात्र नेता वहां से हट गए और भीड़ बढ़ती गयी। CAA (नागरिकता संशोधन एक्ट) के विरोध में छात्रों में खास तौर से बहुत रोष है। छात्रों को नजवानो का समर्थन मिलता गया।
जिस लड़ाई को शान्ति पूर्वक लड़ना था उसमें सेंध लगाकर आंदोलन की धार कुंद करने का वाला काम किया गया है। इसी काम को हमलोगों को राजनैतिक दलों के बैनर तले करना था। 19 दिसम्बर को बाम दलों और समाजवादी पार्टी का मार्च और धरना पहले से निर्धारित है। आज नगर मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक से मुलाकात करके हमलोगों ने कार्यक्रम की सूचना भी दे दी थी।
इसमें कोई शक नही के पुलिस ने बहुत समझदारी, सूझबूझ और संययम से काम लिया, वरना बड़ी घटना होसकती थी। पुलिस ने ध्यान रखा के आंदोलनकारी अधिकतर छोटे छात्र और कम उम्र नौजवान थे।
पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य लगातार मौके पे मौजूद रहकर पुलिस को नियंत्रित करते रहे। घटना की सूचना मिलते ही मैं मिर्ज़हदीपुरा फहुँचा तो पत्थर चल रहे थे।मैंने भी हाथ जोड जोड़ कर नौजवानों को समझने और वापस होने को कहा, मगर कोई सुनने को तैयार नही हो रहा था।
कई पत्रकारों और पुलिस की बाइक में आग लगा दी गयी , मेरे स्कूटर को तोड़ दिया गया। थाने में रखी बाइक में भी आग लगाई गई।
पुलिस को शांति बनाने के लिये आंसू गैस के साथ हवा में गोलियां भी चलानी पड़ी। लोगो को रोकने के लिये मुझे पुलिस और नौजवानों के बीच जाना पड़ा जिसमे मुझे भी कई पत्थर लगे।
जब चौक पर नौजवान धरने पर बैठे थे शाम को नौजवानों के पास पुलिस अधीक्षक ने सोयम जाकर उनसे बात करने का बहुत प्रयास किया, मगर भीड़ जुटाने वाले नेता गायब थे, इसलिये कोई बात सुनने को तैयार नही था।
पुलिस के जाम हटाने के प्रयास के बाद पत्थरबाजी और लाठी चार्ज हुआ। भीड़ भड़क गई और कई तरफ से तोड़फोड़ शुरू होगई।
पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिये कर्फ्यू का ऐलान किया तब भीड़ वापस हुई है, हालांकि बाद में शांति होने के बाद प्रशाशन ने बताया कि कर्फ़ीव अब शहर में नही है।
इस घटना को लेकर शहर के समझदार नागरिक बहुत चिंतित हैं। नगर में धारा 144 नाफ़िज़ की गई है। नगर में शांति है, लोगो को अफवाहों सेबचना चाहिये।
*अरशद जमाल पूर्व चेयरमैन मऊ*