नारी केवल एक शब्द नहीं, बल्कि संपूर्ण सृष्टि का आधार है। वह जीवनदायिनी है, प्रेम की मूर्ति और रिश्ते संवारने वाली शक्ति है। भारतीय संस्कृति में नारी को शक्ति, ममता, और त्याग का स्वरूप माना गया है, लेकिन 19वीं शताब्दी में महिलाओं पर अनेक अत्याचार होते थे। उनके मौलिक अधिकारों का हनन किया जाता था, जैसे शिक्षा का अभाव, पर्दा प्रथा, बाल विवाह, संपत्ति के अधिकारों में असमानता, सती प्रथा, विधवा पुनर्विवाह पर रोक, बहु विवाह एवं बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियाँ रहीं। इसे सामाजिक प्रगतिशीलता में बाधा मानते हुए बहुत से व्यक्तियों व संस्थाओं ने इसे दूर करने के प्रयास में रत रहे।
पहले दहेज को लेकर ऐसी क्रूरता देखी जाती थी, जहाँ लड़कियों को दहेज के लिए मार दिया जाता था, जला दिया जाता था या फिर उन्हें घर वापस भेज दिया जाता था। लेकिन आज देश के यशस्वी प्रधानमंत्री एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री उनके मार्गदर्शन में जो महिला सशक्तिकरण के लिए अनेक काम किया गया, वह सराहनीय है, जैसे 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ', 'पढ़ेगी बेटी तो बढ़ेगी बेटी' आदि। इसके अलावा उनके मार्गदर्शन में उन्होंने दिल्ली में महिला सशक्तिकरण का बेहतरीन परिचय दिया, जब उन्होंने दिल्ली में मुख्यमंत्री पद के लिए महिला नेत्री रेखा गुप्ता को चुना। उपरोक्त उद्बोधन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रकाश नर्सिंग स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में प्रकाश हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. मनीष राय ने दिया। कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण पर रंगोली एवं भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय आने वाले बच्चों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।