राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिला तंबाकू नियंत्रक प्रकोष्ठ मऊ के द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा नन्दकुमार के निर्देश पर पुलिस लाइन सभागार में समस्त पुलिस कर्मियों का ट्रेनिंग ऑफ लॉ इन फोर्ससर की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण प्रतिसार अधिकारी रमाकांत पांडे की अध्यक्षता में हुई इसमें तंबाकू नियंत्रण अधिनियम–2003 के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की गई।
जिला तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के जिला सलाहकार डा. अश्वनी कुमार सिंह ने मौजूद पुलिसकर्मियों को कोटपा अधिनियम–2003 की विस्तृत जानकारी दी और उन्हें धाराओं से अवगत कराया गया। जिसमें धारा-4 के अर्न्तगत सार्वजनिक स्थान (जैसे सभागृह, अस्पताल, भवन, रेलवेस्टेशन प्रतीक्षालय, मनोरंजन स्थल, रेस्टोरेन्ट, शासकीय कार्यालयों, न्यायालय परिसर, शिक्षण संस्थानो, पुस्तकालय, लोग परिवहन) एवं कार्यस्थलों में धूम्रपान करना अपराध है। धारा-5 के अर्न्तगत तम्बाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबन्ध है। धारा-6 (अ) के अन्तर्गत 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को / के द्वारा तम्बाकू बेचना प्रतिबन्धित है। धारा-6 (ब) के अर्न्तगत शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज की परिधि में तम्बाकू बेचना प्रतिबंधित है। धारा-7 के अन्तर्गत तम्बाकू तम्बाकू उत्पादों पर चित्रमय स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित होनी चाहिए। धारा 21 व 24 के अन्तर्गत धारा 4.6 का उल्लंघन करने पर 200 रू. तक जुर्माने का प्राविधान है। इसका पालन नहीं करने वाला कोई भी नागरिक जुर्माने और सजा के भागीदार होगा।
इस बैठक में यूपीवीएचआई से दिलीप कुमार पांडे, सोशल वर्कर लक्ष्मीकांत दुबे, काउंसलर वीरेंद्र कुमार यादव एवं कंप्यूटर ऑपरेटर सतीश गुप्ता और दुर्गा सिंह मौजूद रहे।