विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट ने सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के विरुद्ध दाखिल फौजदारी निगरानी मामले में सरकारी अधिवक्ता ने बहस के लिए अनुमति मांगा। कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 30 जून की तिथि मुकर्रर किया।
मामले के अनुसार, दोहरीघाट थाना क्षेत्र के भगवानपुरा मुहल्ला निवासी नवल किशोर शर्मा ने विशेष न्यायाधीश एमपी / एमएलए कोर्ट की अदालत में परिवाद दाखिल किया था। इसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह को आरोपी बनाया था। आरोप लगाया गया था कि अमित शाह ने दो फरवरी 22 को बदायूं के सहसवान के कस्बा इस्लाम नगर के रामलीला मैदान में जनसभा के दौरान कहा था कि सपा अध्यक्ष के साथ आजम खान, मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद जैसे माफिया बाहुबली दिखते थे। जबसे प्रदेश में योगी सरकार आई तो बाहुबली नहीं बजरंगबली दिखते हैं। आरोप है कि उनके इस भाषण से धार्मिक भावनाओं को ठेस एवं आघात पहुंचा था। विशेष न्यायाधीश ने प्रार्थना पत्र को 18 फरवरी 22 को सुनवाई के बाद मामला क्षेत्राधिकार से बाहर होने के चलते खारिज कर दिया था। इस पर वादी की ओर से जिला जज की कोर्ट में फौजदारी निगरानी दाखिल की गई थी। जिसे सुनवाई के लिए विशेष न्यायाधीश एमपी / एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था। विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट राजीव कुमार वत्स की अदालत में सोमवार को सरकारी अधिवक्ता ने बहस के लिए अनुमति मांगी। कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 30 जून का तिथि नियत किया।