पोस्टर में बाहरी सांसदों को घोसी की बदहाली का जिम्मेदार बताकर चर्चे में आये बद्री नाथ


पुरे देश में दिवाली के शुभकामना और बधाई देते हुए पोस्टरों की भरमार है | ऐसे ही एक अनोखा पोस्टर पर पुरे देश में बहस छिड़ गया है | आपको बता दें कि ये पोस्टर  मऊ , रसड़ा, घोसी, मधुबन और मऊ सदर में लगाये गए हैं | यह  पोस्टर घोसी नव निर्माण मंच के कार्यकर्ताओं के द्वारा लगाया गया है | इस पोस्टर के माध्यम से क्षेत्र की बदहाली के लिए बाहरी सांसदों को अप्रत्यक्ष तौर पर जिम्मेदार बताया गया है और माँ लक्ष्मी से प्रार्थना की गई है कि कल्पनाथ राय की मृत्यु के बाद 24 सालों में घोसी लोकसभा बदहाल है | इस लिए बाहरी सांसदों से माँ लक्ष्मी क्षेत्र को बाहरी सांसदों से मुक्त करने का आशीर्वाद दें |  बहरहाल, इस पोस्टरवार से सियासी चर्चाएं होने लगी हैं। इस होर्डिंग में घोसी के पूर्व सांसद और मऊ जिले के निर्माता कल्पनाथ राय  की तस्वीर को जगह दी गई है उनको याद करते हुए जनता को भावनात्मक तौर पर जोड़ने के लिए अनूठी रचना की गई है | 

घोसी नव निर्माण मंच के द्वारा लगाये गए इस पोस्टर से क्षेत्र में स्थानीय सांसद के मुद्दे पर छिड़ा बहस

इस तरह के पोस्टर लगाए जाने के बाद लोग घोसी लोकसभा क्षेत्र  के भविष्य को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं, क्षेत्रिय नेतृत्व की मांग भी होने लगी है । बीते दिनों घाघरा के जल स्तर के बढ़ने पर घटना स्थल जाकर लोगों को समाधान दिलाने के लिए प्रशासन से गुहार लगाकर इंतेजाम कराने के बाद बद्री नाथ ने बयान  दिया था कि क्षेत्र के चुने हुए प्रतिनिधि क्षेत्र से बाहर के हैं | इसी लिए लोकसभा के समस्याओं को उठाने और जनता के मुद्दों पर पैरबी करने वालों का अकाल पड़ा हुआ है | तब से क्षेत्रिय सांसद की मांग पर चर्चा छिड़ गई थी | आपको बता दें बद्री नाथ आये दिन क्षेत्र की समस्याओं को उठाकर सुर्खियाँ बटोर रहे हैं |

पोस्टर में कलर कॉम्बिनेशन का रखा गया है खासा ध्यान 

सपा, बसपा, भाजपा और कांग्रेस पार्टी के झंडों में उपयोग में आने वाले रंगों को काफी ही क्रिएटिव अंदाज में उकेरा गया है | मेसेज को जहाँ नीले रंग के बैक ग्राउंड में रखा गया है | वहीँ गेरुआ रंग में बैक ग्राउंड बनाया गया है | हर रंग, जो कि मुस्लिम भाइयों का पसंदीदा रंग माना जाता है उसकी पट्टियाँ लगाईं गई हैं | ऐसा लगता है कि मंच सभी दलों को इस अभियान से जोड़कर नया परिवर्तन लाना चाहता हो | मुट्ठी बाद लोगों GNNM से ऊपर रखकर सभी जाति, धर्म और दलों को क्षेत्रिय मुद्दों पर आधारित क्षेत्रिय सांसद के मुद्दे पर  एकजुटता की अपील की जा रही है | 


पुरे देश में अनूठे पोस्टर की वजह से चर्चे के केंद्र में आने वाला घोसी नव निर्माण मंच क्या है ?

घोसी नव निर्माण मंच घोसी लोकसभा के प्रबुद्ध लोगों के द्वारा मिलकर बनाया गया एक संगठन है जो क्षेत्रिय मुद्दों पर निरंतर आवाज उठा रहा है | उस संगठन में सभी जाति- धर्मं के लोग शामिल हो रहे हैं | इसके संस्थापक देश के  प्रसिद्द मीडिया एवं कैम्पेन रणनीतिकार बद्री नाथ हैं | यह  संगठन लोगों को जाति धर्म से ऊपर उठकर विकास के मुद्दे पर लोगों को आगे आने की अपील करता है | आपको बता दें कि इस मंच के द्वारा की जाने वाली पंचायत सभाओं में कल्पनाथ राय के विकास कार्यों की खूब चर्चा होती है और 24 सालों की बदहाली पर भी बिमर्ष किया जाता है |  किसी भी दल का विरोध करने के वजाय यह संगठन अपने क्षेत्र में विकास हेतु क्षेत्रिय नेतृत्व के विकास के लिए सभी दलों से अपील करता है | क्षेत्रिय मुद्दों पर आधारित क्षेत्रिय सांसद की मांग को लेकर यह संगठन गावं गावं में जाकर लोगों को  जागरूक कर रहा है | क्षेत्र के लोगों के द्वारा भी इस पर अपार समर्थन दिया जा रहा है | इस संगठन के द्वारा चलाये गए अभियान से फेसबुक पर अब तक 22,000 लोग जुड़ चुके हैं और इनके मिस्ड काल अलर्ट नंबर पर 62,000 मिस्ड काल प्राप्त हुई है | 



कौन हैं बद्री नाथ और  घोसी नव निर्माण मंच की क्या हैं मांगें 

बद्री नाथ मऊ जिले के कठघरा शंकर गावं के रहने वाले हैं और दिल्ली में पत्रकार हैं | इन्होने देश के सर्वोच्च मीडिया संस्थान भारतीय जन संचार संस्थान से पढाई की है | ये देश के महशूर राजनीतिक रण नीतिकार प्रशांत किशोर के सहयोगी रहे हैं | कई राज्यों में चुनावी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं | समय -समय पर क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के लिए कई शहरों में भेजते रहते हैं | बिगत दशक से क्षेत्र में अपनी सक्रियता की वजह से जन सेवा के क्षेत्र में इन्होने अपनी विशेष पहचान कायम की है | बकौल टीम घोसी नव निर्माण मंच के सक्रिय सदस्यों  अश्वनी सिंह, अखिलेश कुमार मल्ल , आशीष विश्वकर्मा, सत्यप्रकाश भारती, मुहम्मद असलम , प्रमोद यादव   यह बात बताई गई है कि बद्री नाथ जी के नेतृत्व में स्थापित घोसी नव निर्माण मंच बद्री नाथ जी को नेता बनाने का अभियान नहीं क्षेत्र में हर पार्टियों के द्वारा क्षेत्रिय उम्मीदवार दिए जाने का अभियान चला रहा है | क्षेत्र में नेता होंगे तो जनता उनसे आशानी से मिल लेगी | और जनता के मुद्दों पर पैरबी करने वालों के लिए ढेर सारे विकल्प होंगे | राजनीतिक दलों के द्वारा क्षेत्रिय लोगों को टिकट नहीं दिया जा रहा है अतः क्षेत्रिय नेतृत्व का विकास नहीं रहा है, अतः राजनीतिक दलों को क्षेत्र के विकास के लिए क्षेत्रिय नेताओं को उम्मीदवार उतारने चाहिये