आरोग्य भारती मऊ के सौजन्य से गाजीपुर तिराहा स्थित शिवम होम्योपैथिक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर पर आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरी की विधि विधान से पूजा अर्चना की गई पूरे विश्व के धन-धान्य से परिपूर्ण अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए आरोग्य भारती के अध्यक्ष होम्योपैथिक विशेषज्ञ डॉक्टर अरविंद श्रीवास्तव बनवासी कल्याण आश्रम के प्रांतीय संगठन मंत्री एवं आरोग्य भारती मऊ के वरिष्ठ सदस्य बृजवासी पुरी वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नम्रता श्रीवास्तव दंत रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सुनील दत्त द्वारा पूरे विधि विधान से भगवान धन्वंतरि जी की पूजा अर्चना की गई। डॉ अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि भगवान धन्वंतरि भगवान विष्णु के 24वां अवतार में 12वीं अवतार के रूप में समुद्र मंथन के दरमियान अवतरित हुए जिनकी चार भुजाएं थी एक भुजा में कलश था जिसमें स्वर्ण मुद्राएं और अशर्फियां थीं और दूसरे में दूसरा कलश था जिसमें आरोग्य प्रदान करने वाली जड़ी बूटियां थी ऐसा माना जाता है कि इस समय से भारत में जितने भी तत्कालीन ऋषि मुनि हुआ करते थे एवं स्वास्थ्य से संबंधित कार्य करने वाले वैज्ञानिकों ने प्रकृति में उपलब्ध इन पेड़ पौधे जड़ी बूटियां का इस्तेमाल लोगों के बीमारी को ठीक करने के उद्देश्य से करना शुरू किया और हमारे स्वास्थ्य पर लाभकारी प्रभाव डालने वाले असर को समझा एवं लिपिबद्ध किया आयुर्विज्ञान उसी का एक स्वरूप है जो बहुत ही पुरातन है और हमारी बहुत ही प्राचीन उपलब्धियां में से एक है जो आयुर्वेद की जननी है और इसी आयुर्विज्ञान के ज्ञान के बदौलत आयुष पद्धतियों का विकास हो पाया है जो प्राकृतिक चिकित्सा देने एवं बीमारी को बिना दबाए जड़ से उखाड़ फेंकने में पूरी तरह से सक्षम है सस्ती है सुलभ है। कार्यक्रम को डॉ नम्रता श्रीवास्तव बृजवासी पुरी डॉ सुनील दत्त ने संबोधित किया इस अवसर पर सैकड़ो की संख्या में जनपद के विभिन्न कोने से आए मरीज ने आयुष पद्धतियों के बारे में ज्ञान अर्जित किया।