वैश्विक स्तर पर प्रासंगिकता हुआ नर्सिंग का योगदान: डा0 संजय सिंह

शारदा नारायन हास्पिटल में कटा केक, चिकित्सकों ने किया विमर्श
मऊ -
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के अवसर पर शारदा नारायन हास्पिटल में नर्सों के बीच वरिष्ठ चिकित्सकों ने केक काटकर उत्साहपूर्वक इसे मनाया। इसके साथ ही विमर्श के दौरान नर्सिंग सेवा के इतिहास एवं उसकी प्रासंगिकता पर विस्तार से चर्चा की गई। 
संस्थान निदेशक, प्रसिद्व हृदय रोग विशेषज्ञ डा संजय सिंह ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान की परवाह किए बिना लाखों लोगों की जीवन रक्षा करने वाली नर्सों के योगदान को चहुंओर सराहा गया। द्वितीय विश्व युद्व के दौरान निरंतर सेवा के कारण ही नर्सिंग का उदय हुआ। आधुनिक चिकित्सा के बीच नर्सिंग प्रोफेशन बेहतर हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नर्सों के योगदान को याद करने और उन्हें सम्मान देने के लिए हर साल 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। यह दिन मॉडर्न नर्सिंग की जन्मदाता फ्लोरेंस नाइटिंगेल के सम्मान में उनकी जयंती पर सेलिब्रेट किया जाता है। नर्स दिवस हमारे समाज और हेल्थकेयर इंडस्ट्री में नर्सों के महत्वूर्ण रोल को याद करने के लिए मनाया जाता है। यह दिन दुनियाभर में नर्सों को सम्मान देने के महत्व पर जोर देता है और लोगों को इन बहादुर व मेहनती पेशेवरों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस अवसर पर इंर्फटिलिटि स्पेश्यिलिस्ट डा0 एकिका सिंह ने सभी नर्सो को सम्बोधित करते हुए बताया कि इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स  हर साल इस खास दिन के लिए कोई न कोई थीम रखती है। ऐसे में इस साल यानी 2023 की थीम आवर नर्सेस आवर फ्यूचर रखी गई है, जिसका मतलब है कि हमारी नर्सेस हमारा भविष्य हैं। कोरोना महामारी के दौरान हम सभी ने यह देखा है कि जब दवा काम नहीं कर रही थी, तब सिर्फ सेवा ही काम कर रही थी। उस दौरान नर्सों ने लाखों लोगों की जान बचाई थी। अपनी जमान की परवाह किए बगैर मरीजों का इलाज किया था। इस अवसर पर डा0 राहुल गुप्ता,डा0 समशाद अहमद,डा0 रेहान, डा0 अंकिता, शिल्पी, ेसुप्रीया,संजीव शर्मा आदि लोग उपस्थित रहे।