मऊ। लक्ष्य बड़ा हो, इरादा मजबूत हो, हौसलों में जान हो, उड़ान की अरमान हो तो ना कोई मंजिल दूर है ना कोई लक्ष्य। ना कोई कोचिंग, ना कोई पढ़ाई, ना पठन पाठन में बहुत कुछ फालतू का खर्च। घर में रहकर घर के सारे कार्य करते हुए एक शादीशुदा बेटी ससुराल और मायके दोनों को संभालते हुए अगर कोई मुकाम हासिल करती है तो यह बड़ी बात है। उसकी जितनी भी तारीफ की जाए वह कम है। कुछ ऐसा ही किया है मऊ की बेटी और मिर्जापुर की बहू मनीला राजभर ने। मऊ जनपद के हरदसपुर निवासी शीतल राजभर की पुत्री मनीला राजभर ने अपने अथक मेहनत से न सिर्फ अपने मां-बाप, परिवार, ससुराल गांव और जनपद का नाम रोशन किया है बल्कि अपनी मेहनत के बूते झारखंड में मऊ व मिर्जापुर का पताका बुलंद किया है। मनीला राजभर ने झारखंड के सिविल सेवा परीक्षा में सामान्य वर्ग में 131वां रैंक हासिल कर यह सिद्ध कर दिया कि मेहनत करने वालों की हार नहीं होती। मंजिल पर हो पैनी नजर तो वह दूर नहीं होती। इसी इरादों को मन में संजों मनीला का चयन प्रोवेशन अधिकारी के पद पर हुआ है। हाईस्कूल और इंटर बोकारो थर्मल से करने के बाद मनीला ने बायोटेक में स्नातक रांची से किया तथा एग्रीकल्चर से एमबीए रांची से किया है। एमबीए में वे गोल्ड मेडलिस्ट हैं। b.ed और एमएड की डिग्री हासिल की। वर्ष 2020 में मिर्जापुर निवासी एमबीबीएस डॉक्टर प्रदीप भारद्वाज से विवाहित होने के बाद पढ़ाई के लिए और सपने पूरा करने के लिए उनके पति व परिवार का उन्हें निरंतर सहयोग मिलता रहा जिसकी बदौलत वे इस मुकाम पर पहुंचने में कामयाब रही।
मनीला ने बताया कि मैं दो वर्ष से सिविल सेवा की तैयारी कर रही थी। मुझे दूसरी बार में यह सफलता मिली है। उनके चयन से ओमप्रकाश राजभर, निखिल राजभर, दूधनाथ भारद्वाज, श्रीमती विमला देवी, जितेंद्र भारद्वाज, दीपमाला भारद्वाज, जयप्रकाश, संदीप भारद्वाज, शम्भू राजभर, धर्मवीर, राजेश सिंह, नम्रता, प्रियंका ने मनीला की इस कामयाबी पर बधाई दिया है