पूरी दुनिया में हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. इस दिन का मकसद तंबाकू के उपयोग से जुड़े खतरे को उजागर करना है। हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस अलग थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम "पर्यावरण की रक्षा करें" है। इसी सिलसिले में आज शारदा नारायन वेलफेयर ट्रस्ट की तरफ से शारदा नारायन हॉस्पिटल में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर एक निःशुल्क सांस की जांच एव जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे वीडियो के माध्यम से डॉ संजय सिंह ने लोगो तमबाकू से होने वाली तमाम बिमारिओ पे चर्चा की और उससे होने वाले नुक्सान के बारे में बताया तथा ये भी बताया की कैसे तम्बाकू हमारे पर्यावरण को नुक्सान पहुंचा रहा है।आगे डॉ सिंह ने बताया की तंबाकू के सेवन से हृदय रोग, स्ट्रोक, मनोभ्रंश, कैंसर और मधुमेह होता है। इसके अलावा, यह टाइप 2 मधुमेह के लिए एक जोखिम कारण भी है। धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों में टाइप 2 मधुमेह होने की संभावना 30 से 40 प्रतिशत अधिक होती है। मधुमेह से हृदय रोग, अंधापन, गुर्दे की विफलता और पैरों और पैरों को तंत्रिका और रक्त वाहिका क्षति जैसे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। जो लोग धूम्रपान करते हैं उन्हें मधुमेह के कारण होने वाली इन जटिलताओं का अधिक खतरा होता है। धूम्रपान छोड़ने से व्यक्ति को मधुमेह होने से रोका जा सकेगा और इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करना आसान होगा यदि व्यक्ति धूम्रपान छोड़ देता है। भारत में तंबाकू के सेवन के कारण हर साल प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 1.35 मिलियन मौत हो जाती हैं।इस मौके पर मेडिकल डायरेक्टर डॉ सुजीत सिंह न्यूरो विशेष्ज्ञ डॉ रुपेश सिंह मौजूद रहे