अलीनगर स्थित सनबीम स्कूल में स्पिक मैके के तत्वावधान में राजस्थानी लोकगीत और राजस्थान के ही लोकनृत्य 'कालबेलिया' का आयोजन हुआ। विद्यालय के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि श्री अभिनय कुमार मिश्रा, एडीजे मऊ एवं उनकी पत्नी श्रीमती पुष्पा मिश्रा ने माँ सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर किया। तत्पश्चात विद्यालय के प्रबंधक श्री राकेश गर्ग ने मुख्य अतिथि को पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर उनका स्वागत किया। ध्यातव्य हो कि राजस्थान के बाड़मेर से चलकर आए हुए श्री खेते खान जी एक अंतरराष्ट्रीय करताल वादक हैं। उन्हें राजस्थानी लोक संगीत के प्रति अप्रतिम समर्पण के लिए "उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार" से अलंकृत किया जा चुका है। खेते खान जी के साथ-साथ श्री बरकत खान, श्री दिने खान, श्री रोशन खान, श्री सवाई खान, श्री ज़ाकिर खान, श्री दायम खान, सुवती कालबेलिया, खाटू सपेरा एवं घेवर खान ने इस कार्यक्रम में प्राण फूँक दिया। विद्यालय के प्रबंधकगण श्री विजय अग्रवाल एवं श्रीमती कीर्ति अग्रवाल, श्री राकेश गर्ग एवं श्रीमती शशि अग्रवाल,श्री कृष्ण कुमार अग्रवाल एवं ऋतु अग्रवाल तथा श्री आशीष अग्रवाल एवं श्रीमती शिल्पी अग्रवाल जी ने आगन्तुक कलाकारों को अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ राजस्थानी पारम्परिक गणेश वन्दना से हुआ तत्पश्चात लोकप्रिय राजस्थानी गीत "पधारो म्हारे देश" की प्रस्तुति ने सबका मन मोह लिया। दर्शक दीर्घा में उपस्थित सभी छात्र राजस्थानी परम्परा और संस्कृति की महक बिखेरने वाले गीतों पर झूमते रहे। खेते खान जी और ज़ाकिर खान ने करताल एकल वादन की प्रस्तुति के माध्यम से सबको झूमने पर विवश कर दिया। खाटू सपेरा और सुवती कालबेलिया जी ने "कालबेलिया" नृत्य प्रस्तुत कर उक्त कार्यक्रम को एक नई ऊँचाई प्रदान की। कालबेलिया नृत्य देखकर दर्शक दीर्घा में उपस्थित मुख्य अतिथि श्रीमती पुष्पा मिश्रा जी एवं विद्यालय की प्रबंधक श्रीमती कीर्ति अग्रवाल, श्रीमती शशि अग्रवाल, श्रीमती ऋतु अग्रवाल तथा श्रीमती शिल्पी अग्रवाल जी स्वयं को रोक नहीं पाए और आगन्तुक अतिथि कलाकारों के साथ ख़ूब झूमे। देखते ही देखते विद्यालय की छात्राएँ भी इस नृत्य में थिरकने से रोक नहीं पाईं।
कार्यक्रम के समापन पर मुख्य अतिथि श्री अभिनय कुमार मिश्रा जी ने मऊ जैसे छोटे शहर में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोक कलाकारों को पाकर विद्यालय प्रबंध समिति की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि भारतीय संस्कृति की विविधता से विद्यार्थियों को परिचित कराना हमारा दायित्व है। उन्होंने इस बात पर बल देते हुए कहा कि बच्चों को भारतीय समृद्ध पुरातन सांस्कृतिक परम्परा से एकता और भाई चारे का संदेश मिलता है। विद्यालय के प्रबंधक श्री राकेश गर्ग जी ने सभी आगन्तुक अतिथि कलाकारों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। श्री राकेश जी ने आगे भी इस प्रकार के आयोजन करते रहने के लिए अपनी प्रतिबद्धता प्रकट की। इस अवसर पर विद्यालय के बच्चों ने सभी कलाकारों से उनकी परम्परा, संस्कृति और संगीत से जुड़े ढेरों सवाल पूछे। कार्यक्रम के समापन के पश्चात विद्यार्थियों ने उत्साह और आदर के साथ सभी कलाकारों को भोजन कराया। उक्त अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री मिनहाज़ अली हैदर खान भी उपस्थित रहे।"मऊ: अलीनगर स्थित सनबीम स्कूल में स्पिक मैके के तत्वावधान में राजस्थानी लोकगीत और राजस्थान के ही लोकनृत्य 'कालबेलिया' का आयोजन हुआ। विद्यालय के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि श्री अभिनय कुमार मिश्रा, एडीजे मऊ एवं उनकी पत्नी श्रीमती पुष्पा मिश्रा ने माँ सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर किया। तत्पश्चात विद्यालय के प्रबंधक श्री राकेश गर्ग ने मुख्य अतिथि को पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर उनका स्वागत किया। ध्यातव्य हो कि राजस्थान के बाड़मेर से चलकर आए हुए श्री खेते खान जी एक अंतरराष्ट्रीय करताल वादक हैं। उन्हें राजस्थानी लोक संगीत के प्रति अप्रतिम समर्पण के लिए "उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार" से अलंकृत किया जा चुका है। खेते खान जी के साथ-साथ श्री बरकत खान, श्री दिने खान, श्री रोशन खान, श्री सवाई खान, श्री ज़ाकिर खान, श्री दायम खान, सुवती कालबेलिया, खाटू सपेरा एवं घेवर खान ने इस कार्यक्रम में प्राण फूँक दिया। विद्यालय के प्रबंधकगण श्री विजय अग्रवाल एवं श्रीमती कीर्ति अग्रवाल, श्री राकेश गर्ग एवं श्रीमती शशि अग्रवाल,श्री कृष्ण कुमार अग्रवाल एवं ऋतु अग्रवाल तथा श्री आशीष अग्रवाल एवं श्रीमती शिल्पी अग्रवाल जी ने आगन्तुक कलाकारों को अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ राजस्थानी पारम्परिक गणेश वन्दना से हुआ तत्पश्चात लोकप्रिय राजस्थानी गीत "पधारो म्हारे देश" की प्रस्तुति ने सबका मन मोह लिया। दर्शक दीर्घा में उपस्थित सभी छात्र राजस्थानी परम्परा और संस्कृति की महक बिखेरने वाले गीतों पर झूमते रहे। खेते खान जी और ज़ाकिर खान ने करताल एकल वादन की प्रस्तुति के माध्यम से सबको झूमने पर विवश कर दिया। खाटू सपेरा और सुवती कालबेलिया जी ने "कालबेलिया" नृत्य प्रस्तुत कर उक्त कार्यक्रम को एक नई ऊँचाई प्रदान की। कालबेलिया नृत्य देखकर दर्शक दीर्घा में उपस्थित मुख्य अतिथि श्रीमती पुष्पा मिश्रा जी एवं विद्यालय की प्रबंधक श्रीमती कीर्ति अग्रवाल, श्रीमती शशि अग्रवाल, श्रीमती ऋतु अग्रवाल तथा श्रीमती शिल्पी अग्रवाल जी स्वयं को रोक नहीं पाए और आगन्तुक अतिथि कलाकारों के साथ ख़ूब झूमे। देखते ही देखते विद्यालय की छात्राएँ भी इस नृत्य में थिरकने से रोक नहीं पाईं।
कार्यक्रम के समापन पर मुख्य अतिथि श्री अभिनय कुमार मिश्रा जी ने मऊ जैसे छोटे शहर में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोक कलाकारों को पाकर विद्यालय प्रबंध समिति की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि भारतीय संस्कृति की विविधता से विद्यार्थियों को परिचित कराना हमारा दायित्व है। उन्होंने इस बात पर बल देते हुए कहा कि बच्चों को भारतीय समृद्ध पुरातन सांस्कृतिक परम्परा से एकता और भाई चारे का संदेश मिलता है। विद्यालय के प्रबंधक श्री राकेश गर्ग जी ने सभी आगन्तुक अतिथि कलाकारों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। श्री राकेश जी ने आगे भी इस प्रकार के आयोजन करते रहने के लिए अपनी प्रतिबद्धता प्रकट की। इस अवसर पर विद्यालय के बच्चों ने सभी कलाकारों से उनकी परम्परा, संस्कृति और संगीत से जुड़े ढेरों सवाल पूछे। कार्यक्रम के समापन के पश्चात विद्यार्थियों ने उत्साह और आदर के साथ सभी कलाकारों को भोजन कराया। उक्त अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री मिनहाज़ अली हैदर खान भी उपस्थित रहे।
