प्रदेश सरकार के द्वारा शहरों और गावों में आमजन के शरीर में मौजूद कृमि और फ़ाइलेरिया संक्रमण और अधिक न फैले इसके लिए डीईसी (डाई एथायिल कार्बामेजिन साईट्रेट) और कृमि नाशक एल्बेंडाज़ोल की दवा का सेवन कराया जा रहा है। जनपद में कुल 21 लाख 60 हजार आबादी निःशुल्क दवा खिलाए जाने का लक्ष्य है।
प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ बीके यादव ने बताया एल्बेंडाजोल और डीईसी (डाई एथायिल कार्बामेजिन साईट्रेट) दोनों सुरक्षित दवा है। जिले में अब तक कुल 15.73 लाख के ऊपर जनता (2 वर्ष उम्र के ऊपर) को खिलाया जा चुका है। दवा पेट में कृमियों को समाप्त करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा घर-घर जाकर अपने सामने ही खिलाई जा रही है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी नोडल डॉ आरवी सिंह ने बताया कि यह दवा सभी को नियमानुसार प्रत्येक वर्ष खानी अनिवार्य है। इस दवा के सेवन ना करने से पेट में होने वाले कीड़े या कृमि से व्यक्तियों के शरीर में खुराक नहीं लगती और व्यक्ति शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर हो जाता है।
डॉ आरवी सिंह ने बताया कि दवा देते समय सावधानी जरूर बरतें, एल्बेंडाजोल दवा देते समय आवश्यक रूप से यह सावधानी बरतें कि व्यक्ति खाली पेट न हो अर्थात बच्चे ने दवा लेने से पूर्व कुछ न कुछ भोजन अवश्य किया हो। यह बातें सभी पर लागू होती हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी बेदी यादव ने बताया कि फाइलेरिया और कृमि नाशक दवा पूरे जनपद के व्यक्तियों को खिलाई जा रही है। दो से दस वर्ष के बच्चों को भी ध्यान में रख कर अभियान चलाया जा रहा है, क्योंकि इन बच्चों में संक्रमण ज्यादा और सुसुप्ता अवस्था में होता है जो 20 से 25 वर्ष बाद में इस रोग का असर दिखाई देता है उस समय तक यह रोग लाइलाज होकर काबू से बाहर हो जाता है। इनको शुरुआती समय में ही दवा के माध्यम से निष्क्रिय कर दिया जाये तो आदमी भविष्य में होने वाले इस संभावित रोग से बच जाता है। ऐसे में सभी को अपने गाँव की आशा से इस दवा का सेवन अवश्य करना चाहिये। जिससे आप सभी फाइलेरिया नामक असाध्य बीमारी से बचे रहेंगे।