शिक्षा के मैदान में मऊ शहर का नाम रौशन करने वाले सितारे "मऊ का गौरव" सम्मान से हुए सम्मानित



 शिक्षा के मैदान में मऊ शहर का नाम रौशन करने वाले सितारों के सम्मान में आज मुस्लिम इंटर कालेज मऊ के प्रांगण में स्कालर फाउंडेशन व सहयोगी संस्था एएमयू ओल्ड ब्वायज़ एसोसिएशन, एयू स्टूडेंट्स संगम मऊ, अंसारी एजुकेशनल एंड वेल्फेयर सोसाइटी, समर इ0 आर्गनाइजेशन द्वारा एक सम्मान समारोह "एक शाम तालीम के नाम" का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने वाले मऊ के होनहार छात्रों को "मऊ का गौरव" सम्मान से सम्मानित किया गया। 

कार्यक्रम का शुभारंभ नन्हीं बच्चियों ने 'लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी' से किया। इसके बाद नन्हे मुन्ने बच्चों द्वारा अतिथियों का बुके देकर स्वागत किया गया। 

स्कालर फाउंडेशन के कन्वेनर ओज़ैर गिरहस्त ने स्कालर फाउंडेशन के उद्देश्य और लक्ष्य पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि स्कालर फाउंडेशन बच्चों की कोचिंग के साथ-साथ आर्थिक रूप से कमज़ोर मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति भी देती है जिससे उनको शिक्षा जारी रखने में कोई समस्या ना हो। 

नगरपालिका अध्यक्ष तय्यब पालकी ने बच्चों को बधाई देते हुए कहा कि वही बच्चे सफल होते हैं जो समय के साथ चलते हैं और समय का सदुपयोग करते हैं। अभिभावकों को प्राथमिक शिक्षा से ही बच्चों की निगरानी करनी चाहिए और उनको समय समय पर गाइडलाइन करते रहना चाहिए। 

पूर्व पालिकाध्यक्ष अरशद जमाल ने कहा कि नाकामी से भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है सिर्फ कामयाब बच्चे आइडियल नहीं होते अपनी असफलता को भी आइडियल बना कर अपनी कमियों को दूर कर सफलता अर्जित की जा सकती है।
 
पूर्व राज्यसभा सांसद सालिम अंसारी ने कहा कि जो मऊ पहले साड़ी और बुनाई के लिए जाना जाता था आज शिक्षा के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बना रहा है सफल बच्चों को बधाई देते हुए कहा कि मजबूत इरादा हो तो कोई भी कॉम्पिटिशन मुश्किल नहीं है बच्चों को कभी भी अपना हौसला कम नहीं होने देना चाहिए, इस तरह के प्रोग्राम के आयोजन से बच्चों को नयी ऊर्जा मिलती है। 

लिटिल फ्लावर स्कूल के डायरेक्टर विजय शंकर यादव ने कहा कि मन में ठान लेने से ही सफलता मिलती है और जब ठान लिया जाता है तो इश्वर भी उसकी मदद करते हैं।

पूर्व प्राचार्य सर्वेश दूबे ने कहा कि बच्चों से अधिक अभिभावक बधाई के पात्र हैं क्योंकि बच्चे के पहले गुरु माता-पिता ही होते हैं, कामयाबी के लिए टीचर्स और मां बाप की डांट भी ज़रूरी है।
 
पूर्व जनपद न्यायाधीश शमशाद अहमद ने कहा कि इस प्रोग्राम से मऊ के यूथ को नई ऊर्जा मिलेगी, सफलता के बाद आप का व्यवहार ही आपका परिचय होता है।

मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित मऊ निवासी हम्माद ज़फर (विजिलेंस ऑफिसर पटना) ने अपनी कामयाबी का अनुभव शेयर करते हुए कहा कि हिम्मत, लगन, जज़्बा और पागलपन होतो कामयाबी अवश्य मिलती है, कभी हिम्मत ना हारें और हमेशा बड़ा सोचें, फाइनेंशियल दिक्कत आती है तो शहर के जिम्मेदार आगे आएं और मेरिट के आधार पर बच्चों का चयन करें। शहर के कालेजों को शाम को समय कोचिंग के उपयोग में भी लाया जाए। उन्होंने बच्चों से अपना आईडियल चुनने की भी बात कही जिससे आगे बढ़ने में सहायता मिलती है।
 
लियाकत अली आफाकी (इनकम टैक्स कमिश्नर वाराणसी) ने अपनी सफलता की कहानी स्वयं अपनी जुबानी बताते हुए कहा कि मैंने भी लड़कपन में हर वह काम किया जो एक बच्चा करता है गरीबी पढ़ाई में कभी बाधा नहीं बनती मेरे पास पैसे नहीं थे दिन में पढ़ाई तो रात में काम करता था बुनकर घराने से संबंधित होने के कारण बुनकरी का हर काम किया। उन्होंने बच्चों से पढ़ाई के साथ-साथ अपनी रूचि के अनुसार खेल या अन्य चीजों में भी प्रतिभाग करने की बात कही। 
उन्होंने इस्लाम धर्म का हवाला देते हुए कहा कि इस्लाम धर्म की पवित्र किताब कुरान में भी सबसे पहला अक्षर है इकरा अर्थात पढ़ो, लेकिन फिर भी इस्लाम के मानने वाले ना जाने क्यों आज भी पढ़ाई में पिछड़े हुए हैं, एक हाफ़िज़ जब पुरा कुरआन याद कर सकता है तो वह प्रतियोगी परीक्षाओं में भी अवश्य सफलता प्राप्त कर सकता है, धार्मिक शिक्षा के साथ साथ दुनियावी शिक्षा पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। 

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित मऊ निवासी मुरादाबाद के कमिश्नर आञ्जनेय सिंह ने कहा कि 16 साल बाद आज पहली बार अपने शहर के किसी प्रोग्राम में प्रतिभाग कर रहा हूं उन्होंने सम्मान समारोह की सराहना करते हुए कहा कि कुछ बनने के लिये एजुकेशन पहली शर्त है, बिल्डिंग जरूरी नहीं, पढ़ने के लिए बस एजुकेशनल माहौल बनाने की जरूरत है, जज़्बा हो तो कुछ भी किया जा सकता है। 
आज बहुत कुछ बदलाव हुआ है अलग-अलग तरह से हर कोई अपने स्तर से शिक्षा को आगे बढ़ाने में लगा है, आवश्यकता इस बात की है कि जो बिखराव है अलग-अलग तरह से लोग कार्य कर रहे हैं उनको आपस में कड़ी की तरह जुड़ने और एक प्लेटफार्म पर आने की आवश्यकता है। आज लाइब्रेरी खत्म हो रही है जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है, किताबों को लोग कबाड़ में बेच रहे हैं जबकि किताबों को जरूरतमंद बच्चों को दें तो उनको हौसला मिलेगा
आज संसार में हवा पानी तो घटा है कम हुआ है लेकिन जो चीज़ सबसे ज्यादा घटा है वह आपसी विश्वास है।
उन्होंने सरकार द्वारा चलयी जा रही योजना इकरा का भी जिक्र किया। 
कार्यक्रम के अंत में अतिथियों द्वारा सिविल सर्विस, नीट, गेट, आईआईटी, 10+2 आदि में सफल छात्रों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। 
कार्यक्रम का संचालन स्कालर फाउंडेशन के डायरेक्टर ओवैस तरफदार ने किया।

इस अवसर पर विशेष रूप से जावेद तरफदार, मास्टर अनीस, राशिद ज़्या, अफज़ल राना, सईदुज़्ज़फर, मोहम्मद अजमल, फैज़ान अहमद, लियाकत अली, शाहिद सुमन, इशरत कमाल एडवोकेट, आमिर अब्दुलहई आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।
साभार --अरशद जमाल पूर्व चेयरमैन