उत्तर प्रदेश सरकार की आकड़ों की बाजीगरी पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जताई नाराज़गी |
कोविड प्रबंधन पर हर जिले में 48 घंटे के अन्दर तीन सदसीय समिति बनाने का दिया निर्देश |
इस समिति में एक सदस्य CJM/Judicial ऑफिसर होंगे वहीँ दुसरे और तीसरे सदस्य को जिले के सी०एम०ओ० और जिलाधिकारी नामित करेंगे |
हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देशित किया है की इस समिति का गठन अगले 48 घंटे में हो जाना चाहिये|
चुनाव के दौरान जिन शिक्षा मित्रों, कर्मचारियों, अध्यापकों की चुनाव कार्य के दौरान करोना से मृत्यु हुई है उन्हें 1 करोड़ रूपए मुआवजा देने पर इलेक्शन कमीशन और राज्य सरकार विचार करे
हाई कोर्ट प्रयागराज: 11/5/2021:
जस्टिस सिद्दार्थ वर्मा एवं जस्टिस अजीत कुमार की बेंच ने उत्तर प्रदेश में कोरोना के प्रबंधन और उससे जुडी समस्याओं पर दाखिल एक PIL की सुनवाई करते हुए कहा की उत्तर प्रदेश सरकार के सचिव (गृह ) श्री बद्गू देवा पॉलसन द्वारा दाखिल जवाब में कबूला है की सरकार ने टेस्टिंग कम कर दी है और दवाओं की उपलभ्ता के बारे में स्पष्ट तौर पर कोई विवरण नहीं दिया है | कोर्ट ने यह भी कहा की सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में जिले वार जारी होने वाली "हेल्थ रपट" भी कही उपलब्ध नहीं है और न इसके अद्यतन पर सरकार कोई निगरानी नहीं रख रही है |
हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारिख 17 मई तय करते हुए राज्य सरकार से बहराइच , बाराबंकी, बिजनोर, जौनपुर और श्रावस्ती के बारे में कोविद सम्बंधित्र सभी सुवधाओं का ब्यौरा माँगा है | इसी के साथ कोर्ट ने सरकार से मेरठ और वाराणसी में डॉक्टरों द्वारा एक मरीज के अस्पताल से गायब होने और अन्य विषयों पर प्रसारित खबरों का संज्ञान लेने को कहा है|
कोर्ट ने दो अन्य आदेश पारित करते हुए कहा की, लखनऊ के सन अस्पताल पर लखनऊ के जिलाधिकारी द्वारा जो कार्यवाही की गई है, उसपर जिलाधिकारी अगली सुनवाई की तिथि तक अपना जवाब दें एवं स्वर्गीय जस्टिस वी०के० श्रीवास्तव की SGPGI लखनऊ में हुई मृत्यु की जांच के लिए एक 3 सद्स्य्यों की समिति बनाने का निर्देश दिया है |