मऊ --जिलाधिकारी द्वारा महाराजा सुहेलदेव के चित्र एवं स्मारक पर किया गया पुष्प अर्पित ,जिलाधिकारी द्वारा स्टालो का किया गया अवलोकन

मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा समस्त देशवासियो को वंसत पंचमी की दी गयी शुभकामनायें 
वंसत पंचमी के अवसर पर महाराजा सुहेलदेव जयन्ती समारोह का आयोजन जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल एवं पुलिस अधीक्षक घुले सुशील चन्द्रभान की अध्यक्षता में विकास खण्ड पदरहां के प्रागंण में सम्पन्न हुआ। इसीक्रम में जनपद के समस्त शहीद स्थलो एवं स्मारको पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किय गये। जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक एवं मुख्य विकास अधिकारी द्वारा सर्वप्रथम महाराज सुहेलदेव के चित्र के सामने पुष्प अर्जित किया गया एवं बंसन्त पंचमी के अवसर पर माॅ सरस्वती जी के चित्र के सामने दीप प्रज्ज्वलित किया गया। उक्त अवसर पर राघवेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा सरस्वती बन्दना, उच्च प्राथमिक विद्यालय हरदसपुर की बच्ची नम्रता यादव द्वारा देश भक्ति गीत, राजीव गांधी महिला पी0जी0 कालेज की बच्चियो द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। श्रीराम सरीख राजभर द्वारा महाराजा सुहेलदेव जी के बारे में बताया गया कि सालार मसूद और सुहेलदेव की कथा फारसी भाषा के मिरात-ए-मसूदी में पाई जाती है। यह मुगल सम्राट जहाँगीर (1605-1627) के शासनकाल के दौरान अब्द-उर-रहमान चिश्ती ने लिखी थी। पौराणिक कथा के अनुसार, सुहेलदेव श्रावस्ती के राजा के सबसे बड़े पुत्र थे। पौराणिक कथाओं के विभिन्न संस्करणों में, उन्हें सकरदेव, सुहीरध्वज, सुहरीदिल, सुहरीदलध्वज, राय सुह्रिद देव, सुसज और सुहारदल समेत विभिन्न नामों से जाना जाता है। महमूद गजनवी के भतीजे सैयद सालार मसूद गाजी ने 16 वर्ष की आयु में सिंधु नदी को पार कर भारत पर आक्रमण किया और मुल्तान, दिल्ली, मेरठ और अंत में सतरिख पर विजय प्राप्त की। सतरिख में, उन्होंने अपने मुख्यालय की स्थापना की और स्थानीय राजाओं को हराने के लिए सेनाओं को भेज दिया। सैयद सैफ-उद-दीन और मियाँ राजब को बहराइच को भेज दिया गया था। बहराइच के स्थानीय राजा और अन्य पड़ोसी हिंदू राजाओं ने एक संघ का गठन किया लेकिन मसूद के पिता सैयद सालार साहू गाजी के नेतृत्व में सेना ने उन्हें हरा दिया। फिर भी उन्होंने उत्पात मचाना जारी रखा और इसलिए सन् 1033 में मसूद खुद बहराइच में उनकी प्रगति को जाँचने आया। सुहेलदेव के आगमन तक, मसूद ने अपने दुश्मनों को हर बार हराया। अंत में सन् 1034 में सुहेलदेव की सेना ने मसूद की सेना को एक लड़ाई में हराया और मसूद की मौत हो गई। मसूद को बहराइच में दफनाया गया था और सन् 1035 में वहाँ उसकी याद में एक दरगाह बनाई गई थी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का दावा है कि उस जगह पहले हिंदू संत और ऋषि बलार्क का एक आश्रम था और फिरोज शाह तुगलक के द्वारा उसे दरगाह में बदल दिया गया। उक्त अवसर पर जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा सूचना विभाग की तरफ से संचालित एल0ई0डी0 वीडियों वैन के माध्यम से मा0 प्रधान मंत्री जी के लाइव प्रसारण को देखा गया। मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा अपने सम्बोधन में कहा गया कि अपने पराक्रम से मातृभुमि का मान बढ़ाने वाले राष्ट्रनायक महाराजा सुहेलदेव जी की जन्मभूमि एवं ऋषि-मुनियों की तपोभूमि बहराइच की पावन धरा को मै आदरपूर्वक नमन करता हॅू। वंसत पंचमी की सभी देशवासियो को मंगलकामनाएं देता हॅू कि मा0 सरस्वती भारत के ज्ञान-विज्ञान को और समृद्ध करे। आज का दिन विद्या आरंभ और अक्षर ज्ञान के लिए बहुत शुभ माना जाता है। उन्होंने कहा कि भारतीयता, हमारी संस्कृति हमारे संस्कारों के लिए ढाल बनकर खड़े होने वाले महानायक महाराजा सुहेलदेव जी का जन्मोत्सव हमारी खुसियो को आज और बढ़ा रहा है। आज इस शुभ अवसर पर महाराजा सुहेलदेव जी के स्मारक का भव्य शिलान्यास का शौभाग्य मिला है। यह आधुनिक और भव्य स्मारक ऐतिहासिक चित्तौरा झील का विकास बहराइच पर महाराज सुहेलदेव जी के आर्शीवाद को बढ़ायेगा, साथ ही आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करेगा। आज महाराजा सुहेलदेव जी के नाम पर बनाये गए मेडिकल काॅलेज को एक नया और भव्य भवन भी मिला है। बहराइच जैसे जिले में मेडिकल सुविधाओ का बढ़ना यहां के लोगो के जीवन को आकांक्षी बनायेगा। साथ ही इसका लाभ आस-पास के जिले के लोगो को भी मिलेगा। उन्होनें कहा कि बीते कुछ सालो में देशभर में इतिहास, आस्था, आध्यत्म एवं संस्कृति से जुडे जितने भी स्मारको का निर्माण किया जा रहा है। उनका बहुत बड़ा लक्ष्य पर्यटन को बढ़ावा देने का भी है। उत्तर प्रदेश पर्यटन को आकर्षित करने में उत्तर प्रदेश टाॅप तीन राज्यो में आ चुका है। पर्यटन विकास की दृष्टि से उत्तर प्रदेश में कई एयरपोर्ट निर्माण का कार्य चल रहा है। साथ ही चैड़ी सड़के भी बनायी जा रही है। उत्तर प्रदेश में एयरपोर्ट, रोड कनेक्टिवीटी के साथ रेल कनेक्टिविटी भी आधुनिक हो रही है। 
उक्त अवसर पर उक्त अवसर पर कृषि विभाग, उद्यान विभाग, गन्ना, पशुपालन, सहकारिता, वन विभाग, ग्राम विकास, सिंचाई एवं जल संसाधन, रोजगार कार्यक्रम, निजी लघु सिंचाई, खादी एवं उद्योग, सड़क एवं पुल, प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, ग्रामीण पेय जल, ग्राम्य विकास, नगर विकास, अनुसूचित जाति कल्याण, पिछड़ी जाति कल्याण, अल्पासंख्यक कल्याण, सेवायोजन, शिल्पकार प्रशिक्षण, समाज कल्याण, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, महिला कल्याण, पुष्टाहार सहित समस्त विभागों द्वारा स्टाल लगाये गये जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा समस्त स्टालो का अवलोकन किया गया। इसके उपरान्त जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक एवं मुख्य विकास अधिकारी द्वारा विकास खण्ड परहदां में बने शहिद स्मारक पर पुष्प अर्पित किया गया। 
उक्त अवसर पर जिला विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक, मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला गन्ना अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, अधिशासी अभियन्ता जल निगम, जिला विद्यालय निरीक्षक, बेसिक शिक्षा अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी परदहां सहित हजारो की संख्या में लोग उपस्थित रहे।