मऊ --ब्रिगेडियर उस्मान की समाधि को क्षतिग्रस्त किए जाने के विरोध में जिला अधिकारी के द्वारा मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन- भारत विकास परिषद

मऊ  --ब्रिगेडियर उस्मान की समाधि को क्षतिग्रस्त किए जाने के विरोध में जिलाधिकारी के द्वारा मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन - भारत विकास परिषद
भारत विकास परिषद मऊ शाखा के सदस्यों ने अपने जनपद के गौरव ब्रिगेडियर उस्मान की दिल्ली स्थित जामिया इमिलिया विश्वविद्यालय में बनी उनकी समाधि को क्षतिग्रस्त किए जाने के विरोध में मंगलवार को परिषद की प्रांतीय प्रकल्प प्रमुख महिला एवं बाल कल्याण विभाग डा. अलका राय के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पहुंच जिलाधिकारी को प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंप दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर उनके उपर राष्ट्रद्रोह जैसी गंभीर धाराएं लगाने की मांग कि। डा. राय ने भारत सरकार से मांग किया कि ब्रिगेडियर उस्मान के  समाधि को पुनः ठीक करवाया जाय तथा ऐसे विकृत मानसिकता से ग्रस्त राष्ट्र द्रोहियों के उपर कड़ी कार्रवाई की जाय ताकि फिर कोई ऐसी घिनौनी हरकत करने की कोशिश ना करे। जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल ने कहा कि ज्ञापन तुरंत मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दिया जाएगा। डा. राय ने बताया कि जनपद के बीबीपुर गांव निवासी नौशेरा के शेर ब्रिगेडियर उस्मान  1947 में  भारतीय सेना में मेजर के पद पर कार्यरत थे,जब विभाजन के समय मोहम्मद जिन्ना एवं लियाकत अली ने पाकिस्तान का जनरल बनाने का प्रस्ताव दिया था और उस को ठुकरा कर अपने देश की सेवा करते रहने का निर्णय लेने वाले जांबाज की समाधि के साथ अभद्रता कोई राष्ट्र से घृणा करने वाला देशद्रोही ही कर सकता है। उनकी वीरता एवं राष्ट्रभक्ति का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान ने ब्रिगेडियर उस्मान के सर पर ₹50000 जो कि उस समय बहुत बड़ी रकम होती थी का इनाम रखा था। क्योंकि पाकिस्तान को इतना दर्द हमारे वीर जवान ने दिया था। इसमें महिला संयोजिका पुष्पा जायसवाल, कोषाध्यक्ष रश्मि बरनवाल, संजय जायसवाल,डा. एसएन राय, रवीश तिवारी, सुनील दुबे, सुमन पांडेय आदि शामिल थे।