मऊ -- आज शारदा नारायन हास्पिटल में आयोजित के प्रेस वार्ता में शारदा नारायन हास्पिट के वरिष्ठ चिकित्सक डा0 संजय सिंह कहा कि शारदा नारायण अस्पताल, मऊ याचिका मामले में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय का महत्वपूर्ण निर्णय आया है कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट,1940- ए0सी0 के तहत संज्ञेय अपराधों के संबंध में पुलिस अधिकारी Cr.PC की धारा 154 के तहत एफआईआर या गिरफ्तारी नहीं कर सकते। आगे डा0 सिंह ने बताया कि
नौशाद खान ने 22.2.2018 को एक ऑनलाइन शिकायत की जिस पर कमिश्नर (फूड प्रोटेक्शन एंड ड्रग्स) ने जांच का निर्देश दिया और ड्रग इंस्पेक्टर, मऊ, यू.पी. दो अन्य लोगों के साथ शारदा नारायण क्लिनिक और फार्मेसी में एक निरीक्षण किया तथा उपरान्त एफ0आई0आर0 किया । प्रतिवादी ने एफआईआर को चुनौती दी और इसकी सुनवाई की मांग की। जिसका 28 अगस्त को यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य बनाम अशोक कुमार शर्मा और अन्य (2020 की आपराधिक अपील 200) के मामले में न्यायमूर्ति एस.के. कौल और न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ, सुप्रीम कोर्ट ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 के अंतर पर एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया।