मऊ -श्रम कानून तीन साल के लिए स्थगित, मजदूरो को बधुआ मजदूर बनाने की साजिश के तहत प्रदेश व्यापी मजदूरों को कार्यक्रम के तहत उपवास


मऊ --उत्तर प्रदेश की सरकार उद्योगपतियों के हित में काम कर रही है ,श्रम कानून को 3 साल के लिए स्थगित कर मजदूरों को बंधुआ मजदूर बनाने की साजिश की जा चुकी है , मजदूर और गरीब विरोधी योगी सरकार के द्वारा लाए गए अध्यादेश वापसी की मांग एवं लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यो से यूपी आ रहे जिन मजदूरो की हादसे मे मौत हुई , उनके परिवार जनो को 50 लाख मुआवजा एवं घर के एक सदस्य को नौकरी की मांग, तीन माह का बिजली बिल व प्राईवेट स्कूलों की तीन माह की फीस माफ कराने हेतु आम आदमी पार्टी, उत्तर प्रदेश के सभी जिलो के पदाधिकारी , कार्यकर्ता साथी आज अपने-अपने घरों पर उपवास रख कर एवं हाथो मे अपनी माँग के कटआउट (हाथो से निर्मित) के साथ इस काले कानून का विरोध कर रहे हैं ,

मैं शाह आलम उल्फ़त ज़िलाध्यक्ष मऊ "आप"उत्तरप्रदेश भी उपवास पर बैठा हूँ और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्य नाथ जी की सरकार से मांग करता हूँ कि 

1-वह मजदूरों का शोषण बंद करे व मजदूरों के कानूनों को स्थगित करने सम्बन्धित हाल ही में जारी काले कानून (अध्यादेश) तुरंत वापस ले क्योंकि श्रमिकों के अपने अधिकार हैं वे आपके बंधुआ नहीं हैं। 

2- बहुत से उत्तर प्रदेश के मजदूर महानगरों से लौट रहे हैं, रास्ते में उनकी मौत हो रही है,वे शहीद हो रहे हैं, कभी ट्रेन तो कभी रोड एक्सीडेंट में शहीद हो रहे हैं, उनके परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए और उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। 

3- लाक डाउन में लोगों के काम धंधे बंद हो गये हैं, प्राईवेट स्कूलों के लोग अभिभावकों से फीस मांग कर रहे हैं, प्राईवेट स्कूलों की कम से कम 3 माह की फीस माफ करने का निर्देश दिया जाए।

4- लोगों के पास लाकडाउन में खाने को अन्न व जरूरी सामान खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं फिर भी आपका बिजली विभाग बिजली बिल वसूल रहा है, आपकी व केन्द्र की सरकार बड़े उद्योग पतियों के अभी अभी अरबों रुपये माफ किया है, कम से कम उत्तर प्रदेश के लोगों के तीन माह का बिजली बिल माफ किया जाए । इसके लिए हम आपके आभारी रहेंगे।