हजरत अली असगर की याद में निकला झूले का जुलूस





मऊ। मोहर्रम की पांच तारीख को मालिक टोला में जनाबे अली असगर जो की इमाम हुसैन के छह माह के बेटे थे। हजरत अली असगर उनका झूला उठाया गया। ताजियेदार सैय्यद अली अंसर के सहन से झूले का जुलूस निकला। जुलूस में उनकी शहादत को याद कर रो पढ़े अकीदतमंद।

अंजुमन बाबुल इल्म जाफरिया ने हजरत अली असगर की याद  में झूला निकला। जिसमे अंजुमन ने नौहख्वानी व सिनाजनी पेश की जिसके फ़ौरन बाद मौलाना नसीमुल हसन साहब ने मजलिस को खिताब किया। मौलाना ने बताया कि इमाम हुसैन के छह महीने के मासूम बेटे अली असगर के गम में डूबे रहे। कर्बला के मैदान में तीन दिन से प्यासे अली असगर को इमाम हुसैन अपने हाथ पर लेकर यजीदी फौज के सामने पानी का सवाल लेकर पहुंचे। लेकिन यजीदी फौज के हुरमुला ने तीर से मासूम का गला छेद कर बच्चे को शहीद कर दिया। उसी की याद में हजरत अली असगर का गहवारा (झूला) निकाला गया। 

ताजियेदार के सहन से निकलकर शिया मस्जिद होते हुए इमामबाड़ा में जा कर जुलूस सम्पन्न हुआ। जिसमे मुख्य रूप से आसिफ रिजवी, मकसूद, मंसूर, तामीर, शुजात अली, अयान, आमान, फैजी, रिजवी, रजा, परवेज, जावेद, रेहान, आदि लोग मौजूद रहे।