तंबाकू सेवन से होती हैं 40 तरह की कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियाँ, मऊ में जनजागरूकता के साथ अब होगी सख्त एन्फोर्समेंट कार्रवाई




राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार मऊ में एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को तंबाकू नियंत्रण कानूनों की जानकारी और उनके प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर प्रशिक्षित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत नागर (आई.ए.एस.) ने की।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट जैसी वस्तुएँ टीबी, कैंसर और हृदय रोग जैसी 40 से अधिक गंभीर बीमारियों का कारण बनती हैं। तंबाकू का सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है, जिससे व्यक्ति गंभीर रोगों से ग्रसित हो सकता है और मृत्यु तक हो सकती है।

डॉ बी के यादव, जिला नोडल अधिकारी ने बताया लोगों को तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक करने और इलाज के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता बताई।

विवेक अवस्थी, अधिशासी निदेशक, UPVHA, लखनऊ ने कोटपा-2003 की धाराओं को विस्तार से समझाया, धारा 4, सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध (₹200 तक जुर्माना), धारा 5, प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष तंबाकू विज्ञापन पर रोक, धारा 6(क), 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को तंबाकू बेचना अपराध है, धारा 6(ख), शिक्षण संस्थानों से 100 गज के दायरे में बिक्री निषिद्ध है। विवेक अवस्थी ने बताया कि जनपद में एन्फोर्समेंट कमेटी के गठन, तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान और ग्राम पंचायत के दिशा-निर्देशों के अनुपालन की आवश्यकता पर बल दिया।

डॉ. अश्विनी कुमार सिंह, जिला सलाहकार, ने बताया कि तंबाकू से हर साल लाखों लोग जान गंवाते हैं, और इसी गंभीरता को देखते हुए WHO ने 1987 से "विश्व तंबाकू निषेध दिवस" मनाना शुरू किया।

दिलीप कुमार पाण्डेय, क्षेत्रीय समन्वयक UPVHA, ने सभी विभागों से समन्वय बनाकर कानून का सख्ती से पालन कराने, चालान और जुर्माना प्रक्रिया को तेज करने की अपील की।

मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिया कि जनजागरूकता के साथ-साथ कानूनों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए, जिससे मऊ को एक तंबाकू मुक्त जनपद बनाया जा सके।

कार्यक्रम में बीरेंद्र कुमार यादव, लक्ष्मीकान्त दुबे, सतीश कुमार सहित तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।