मुख्य चिकित्साधिकारी डा. राहुल सिंह की अध्यक्षता में जेएसवाई सभागार, जनपद मऊ में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत फाइलेरिया रोग जागरूकता, रुग्णता प्रबंधन एवं दिव्यांगता रोकथाम कार्यक्रम (MMDP) के लिए जिला स्तरीय मेडिकल ऑफिसर व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण आयोजित किया गया।
यह प्रशिक्षण विश्व स्वास्थ्य संगठन के जोनल अधिकारी डॉ. मंजीत द्वारा प्रदान किया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी ने कहा कि फाइलेरिया एक लाइलाज मच्छरजनित रोग है, जो समय पर रोकथाम नहीं होने पर व्यक्ति को दिव्यांग बना सकता है। उन्होंने सभी स्वास्थ्य कर्मियों से सामूहिक प्रयासों के माध्यम से इस रोग पर प्रभावी नियंत्रण की अपील की।
पाथ संस्था के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. अमरेश ने बताया कि हाइड्रोसील भी फाइलेरिया का ही एक रूप है, जिसका उपचार केवल ऑपरेशन द्वारा संभव है। उन्होंने सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इसके प्रति व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता पर बल दिया।
पाथ संस्था के जिला समन्वयक देशदीपक सिंह ने MMDP केयर का लाइव प्रदर्शन कर फाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखभाल, सफाई और आवश्यक व्यायाम के तरीके समझाए।
जिला मलेरिया अधिकारी बेदी यादव ने जानकारी दी कि जिले में वर्तमान में 1325 लिंफोडेमा मरीज हैं। प्रशिक्षण प्राप्त स्वास्थ्यकर्मी इन मरीजों के लिए MMDP कैंप आयोजित करें और देखभाल की विधियों का प्रशिक्षण देने के बाद ही किट का वितरण करें।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, समस्त स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षक, जिला मलेरिया अधिकारी, मलेरिया निरीक्षकगण तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।