विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए राजीव वत्स ने शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के विरुद्ध दाखिल परिवाद की सुनवाई के बाद क्षेत्राधिकार से बाहर होने का हवाला देते हुए खारिज करने के विशेष मजिस्ट्रेट एमपी/एमएलए के 18 फरवरी 2022 के आदेश के विरूद्ध दाखिल फौजदारी निगरानी में सुनवाई के लिए 23 मई की तिथि मुकर्रर किया।
मामले के अनुसार, दोहरीघाट थाना क्षेत्र के भगवानपुरा मुहल्ला निवासी नवल किशोर शर्मा ने विशेष न्यायाधीश एमपी / एमएलए कोर्ट की अदालत में परिवाद दाखिल किया था। जिसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह को आरोपी बनाया था। मामले में आरोप लगाया गया था कि अमित शाह ने दो फरवरी 2022 को बदायूं में जनसभा के दौरान धार्मिक भावनाएं आहत किया था। सहसवान के कस्बा इस्लाम नगर के रामलीला मैदान में जनसभा के दौरान कहा था कि सपा अध्यक्ष के साथ आजम खान, मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद जैसे माफिया बाहुबली दिखते थे। जबसे प्रदेश में योगी सरकार आई तो बाहुबली नहीं बजरंगबली दिखते हैं। आरोप है कि इस भाषण से धार्मिक भावनाओं को ठेस एवं आघात पहुंचा है। विशेष न्यायाधीश ने प्रार्थना पत्र को 18 फरवरी 22 को सुनवाई के बाद मामला क्षेत्राधिकार से बाहर होने के चलते खारिज कर दिया था। इस पर वादी की ओर से जिला. जज की कोर्ट में फौजदारी निगरानी दाखिल की गई थी। जिसे सुनवाई के लिए विशेष न्यायाधीश एमपी /एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया। जहां शनिवार को कोर्ट ने दाखिल फौजदारी निगरानी में सुनवाई के लिए 23 मई की तिथि नियत किया।