विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर निजीकरण की चल रही प्रक्रिया को लेकर किया प्रदर्शन

 विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उ0प्र0 के आह्वान पर बिजली क्षेत्र के निजीकरण की चल रही प्रक्रिया के विरोध कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश के सभी जनपदों और परियोजना मुख्यालयों के साथ-साथ जनपद मऊ के ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारी/अभियन्ताओं द्वारा जनपद मऊ मुख्यालय स्थित सहादतपुरा हाइडिल कालोनी के प्रांगण में स्थित कार्यालय अधीक्षण अभियन्ता विद्युत वितरण मण्डल मऊ के मुख्य द्वार पर भोजनावकाश (दोपहर) में शान्तिपूर्ण विरोध प्रदर्शन/विरोध सभा श्रमिक नेता सूर्यदेव पाण्डेय की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। 
सभा को सम्बोधित करते हुए समस्त वक्ताओं द्वारा एक स्वर से पुनः पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल बिजली निगम के निजीकरण के निर्णय को वापस लेने की माॅग को दोहराते हुए कहा कि निजीकरण किसी भी तरह से कर्मचारियों के हित में नहीं है। तथा निजीकरण का निर्णय वापस होनें तक संघर्ष समिति अपने संघर्ष को शान्तिपूर्ण लोकतांत्रिक ढ़ंग से जारी रखेगी। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि बिजली का निजीकरण जिस प्रकार किया जा रहा है वह प्रक्रिया पूरी तरह गैर कानूनी है निजीकरण हेतु ट्रान्जैक्सन कन्सल्टेन्ट नियुक्त करनें की निविदा कनफ्लिक्ट आफ इंटरेस्ट (हितों के टकराव) के प्राविधान को हटा दिया गया। यह सी0बी0सी0 की गाइड लाइन का उलंघन है ऐसा करनें से यह आभास मिल रहा है कि निजीकरण के पीछे कोई जनहित नही है बहुत बड़ा घोटाला होने वाला है। निजीकरण के विरोध में शान्तिपूर्ण विरोध कार्यक्रम पूरे प्रदेश के साथ साथ जनपद में भी जारी रहेंगे साथ ही संघर्ष समिति द्वारा जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दो अभियान के तहत सांसद और विधायकगण को निजीकरण के       विरोध में ज्ञापन देने के साथ ही विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के केन्द्रीय कमेटी की 08 मार्च को  लखनऊ में हुयी बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार बिजली के निजीकरण की दृष्टि से बिजली कर्मियों के यहाॅ इलेक्ट्रिकसीटी रिफार्म एक्ट 1999 और ट्रान्सफर स्कीम 2000 का खुला उलंघन करते हुए कर्मचारियों के आवासों पर मीटर लगानें की एक तरफा कार्यवाही का पूरजोर विरोध किया जायेगा। साथ ही साथ बिजलीकर्मी निजीकरण के एक तरफा निर्णय को स्वीकार नही करेंगें। तथा शान्तिपूर्ण लोकतांत्रिक ढ़ंग से निजीकरण के निर्णय वापस होनें तक अपने संघर्ष को जारी रखेंगें। 
सभा को मुख्य रूप से सूर्यदेव पाण्डेय, रघुनन्दन यादव, पतिराम, ओमप्रकाश, अनिल, राज, अरविन्द, अटल, गुलाब, अरूण, शिवपरसन, महेन्द्र, प्रिया, ओमप्रकाश द्वितीय,अभिमन्यु, पुनीत, माधुरी, लीलावती, आदि ने भाग लिया।