"नारी अबला नहीं सबला है" सशक्त नारी वो होती है जो अपनी पहचान खुद बनाती है जो अपनी क्षमताओं को समझ कर आत्मनिर्भर बनती है .जब कोई महिला अपने अस्तित्व को पहचान लेती है तो वो सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा का श्रोत बन जाती है. इसी कड़ी में एक नाम श्रीमती विनीता पाण्डेय जी का जिनको महापौर लखनऊ ने इनको सामाजिक एवं नारी सशक्तिकरण की कार्यों में अग्रड़ी भूमिका निभाने के लिए सम्मानित किया। बताते चले की 9 मार्च को समर्थ नारी समर्थ भारत के राष्ट्रीय स्थापना दिवस का आयोजन राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं संस्थापिका श्रीमती नीरा सिन्हा के नेतृत्व में लखनऊ उद्यान प्रेक्षागृह में सकुशल मनाया गया , जिसमे भारत के अनेकों जनपदों से सशक्त महिलाएं सम्मिलित हुई.जिसमे मुख्य अतिथि लखनऊ की महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल के हाथों जनपद मऊ की श्रीमती विनीता पाण्डेय जी को तीन साल जनपद में समर्थ नारी समर्थ भारत के अध्यक्ष के रूप में रहकर जनपद में एक से बढ़कर एक सामाजिक कार्य एवं महिलाओं की जागरूकता से सम्बंधित कार्यों के लिए सम्मानित किया गया तथा उनके हौंसला और छवि को देखते हुए प्रदेश के कार्यकारिणी टीम एवं पूर्वांचल के प्रभारी के रूप में मनोनीत किया गया।
राष्ट्रीय स्थापना दिवस में एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए जिसमे मऊ जनपद की मधुलिका बरनवाल एवं ज्योति खंडेलवाल ने भी अपना लोक नृत्य प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया. इस कार्यक्रम में भारत के कोने कोने से सशक्त महिलाओं ने स्वनिर्मित गृह उपयोगी वस्तुए, ऑर्गेनिक एवं हर्बल उत्पादों तथा खाने की अनेको स्टाल लगाकर अपने हुनर का परिचय दिया, तथा ये साबित कर दिया की महिलाएं किसी से कम नहीं हैँ। बताते चलें की श्रीमती विनीता पाण्डेय वर्तमान में मऊ जनपद के प्रथम लोकपाल के पद पर अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए सामाजिक कार्यों में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वह केवल मऊ जनपद ही नहीं बल्कि अनेकों जनपदों की पीड़ित महिलाओं एवं बच्चियों के लिए प्रेरणा श्रोत हैँ। उनके पास अनेकों जनपद की पीड़ित महिलाये इनसे संपर्क करती है तथा जिसका तत्काल संज्ञान ले कर उनको उनके ही जनपद में सुरक्षा एवं सहायता तत्काल प्रभाव से मुहैया करवाती हैँ। उनके इस स्नेहिल स्वभाव तथा निष्पक्षता की महिलाएं कायल हैँ।