पूर्व DUSU अध्यक्ष शक्ति सिंह मऊ में कराएंगे ‘छावा’ फिल्म की निःशुल्क स्क्रीनिंग, युवाओं को बताएंगे छत्रपति संभाजी महाराज का गौरवशाली इतिहास

मऊ, 14 फरवरी: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के पूर्व अध्यक्ष शक्ति सिंह ने युवाओं को छत्रपति संभाजी महाराज के वीरतापूर्ण जीवन से अवगत कराने के उद्देश्य से 14 फरवरी को मऊ में मराठी फिल्म "छावा" की निःशुल्क स्क्रीनिंग कराने की घोषणा की है। इस आयोजन के जरिए युवाओं को छत्रपति संभाजी महाराज के शौर्य, बलिदान और राष्ट्रभक्ति की प्रेरणादायक गाथा से परिचित कराया जाएगा।


इस पहल को लेकर शक्ति सिंह ने कहा, "छत्रपति संभाजी महाराज सिर्फ एक योद्धा नहीं, बल्कि हिंदवी स्वराज्य के सच्चे रक्षक और स्वतंत्रता के लिए अंतिम सांस तक लड़ने वाले महानायक थे। उनकी कहानी को हर युवा तक पहुँचाना हमारा कर्तव्य है। 'छावा' फिल्म के माध्यम से हम यह संदेश देना चाहते हैं कि त्याग, पराक्रम और धर्म की रक्षा के लिए किस तरह संघर्ष किया जाता है।"

उन्होंने आगे कहा, "आज के दौर में युवाओं को सिर्फ किताबों तक सीमित न रखकर, उन्हें अपने गौरवशाली इतिहास से जोड़ना जरूरी है। संभाजी महाराज ने जिस अदम्य साहस के साथ मुगलों का मुकाबला किया, वह हर भारतीय के लिए प्रेरणा है। यह फिल्म केवल एक ऐतिहासिक कथा नहीं, बल्कि हमारे गौरवशाली अतीत का सजीव चित्रण है, जिसे हर युवा को देखना चाहिए।"

छत्रपति संभाजी महाराज: पराक्रम और बलिदान की अमर गाथा

छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र संभाजी महाराज अपनी वीरता और रणनीतिक कुशलता के लिए इतिहास में अमर हैं। उन्होंने कम उम्र में ही मराठा सेना का नेतृत्व संभाल लिया था और अपने शासनकाल में मुगलों समेत कई आक्रमणकारियों के खिलाफ संघर्ष किया। औरंगज़ेब की विशाल सेना के बावजूद उन्होंने मराठा साम्राज्य की रक्षा की और कभी भी झुकने से इनकार किया।

संभाजी महाराज को औरंगज़ेब की कैद में कई यातनाएँ दी गईं, लेकिन उन्होंने हिंदू धर्म और स्वराज के सिद्धांतों से समझौता नहीं किया और शहीद हो गए। उनका बलिदान आज भी राष्ट्रभक्ति और साहस का प्रतीक बना हुआ है।

14 फरवरी को ऐतिहासिक आयोजन

मऊ में आयोजित इस निःशुल्क फिल्म स्क्रीनिंग में बड़ी संख्या में युवाओं के शामिल होने की उम्मीद है। शक्ति सिंह ने युवाओं से इस आयोजन में भाग लेने की अपील करते हुए कहा, "यह सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि हमारे इतिहास के स्वर्णिम पन्नों को जीवंत करने का प्रयास है। मैं सभी युवाओं से आग्रह करता हूँ कि वे इस कार्यक्रम में आएं, छत्रपति संभाजी महाराज के बलिदान से प्रेरणा लें और अपने राष्ट्र व संस्कृति के प्रति जागरूक बनें।"

इस पहल को लेकर युवाओं में खासा उत्साह है, और उम्मीद की जा रही है कि यह आयोजन न सिर्फ ऐतिहासिक जागरूकता बढ़ाएगा, बल्कि युवाओं को अपने अतीत से जोड़ने का भी काम करेगा।