सीडीओ ने हरी झंडी दिखाकर विशेषसंचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत की


जिले में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान शनिवार से शुरू हुआ। मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय प्रांगण में आयोजित समारोह में सीडीओ प्रशांत नागरने हरी झंडी दिखाकर रैली को किया रवाना  किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिए जन जागरूकता जरूरी है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेश अग्रवाल  ने कहा किसंचारी रोग नियन्त्रण अभियान के अन्तर्गत जिले में साफ-सफाई, कचरा निस्तारण एवं छिड़काव तथा प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान दिया जायेगा, जिससे कि मच्छरों को पनपने से रोका जा सके।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी नोडल वेक्टर बार्न डॉ आर एन सिंह ने बताया कि अभियान की सफलता के लिए चिकित्सा विभाग  जनपद, ब्लाक तथा पंचायत/ग्राम स्तरों पर विभिन्न विभागों के बीच समन्वय बनाकर काम कर रहा है। इस दौरान आशा, एएनएम तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सहयोग से समय पर उपचार एवं संन्दर्भन के लिए समुदाय स्तर पर बुखार के मरीजों की खोज की जायेगी।

नोडल डॉ आरएन सिंह ने बताया कि दिमागी बुखार का टीका जरूर लगवायें। मच्छरों से बचें, सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें। पूरे आस्तीन की  कमीज, फुल पैंट,  मोजे पहनें। सुअर व सूअर बाड़ों को घर और आबादी से दूर रखें। रहने की जगह साफ सुथरा रखें एवं खिड़कियों पर जाली लगवायें। पानी हमेशा ढँककर रखें, कम गहरायी वाले हैण्ड पम्प के पानी को खाने-पीने में प्रयोग न करें। पक्के व सुरक्षित शौचालयों का प्रयोग करें। शौच के बाद व खाने के पहले साबुन से हाथ अवश्य धोयें। नाखूनों को काटते रहें। लम्बे नाखूनों से भोजन बनाने व खाने से भोजन प्रदूषित होता है। दिमागी बुखार के मरीज को दाएं या बाएं करवट लिटाएं। यदि तेज बुखार हो तो पानी से बदन पोछतें रहें।

एसीएमओ डॉ आरएन  सिंह ने बताया कि बुखार हो जाने पर बेहोशी व झटके की स्थिति में मरीज के मुख में कुछ भी न डालें। झोला छाप डाक्टरों के पास ना जायें। घर के आस-पास गंदा पानी इकट्ठा न होने दें। इधर-उधर कूड़ा-कचरा व गंदगी न फैलायें। खुले मैदान या खेतों में शौच न करें। जिला मलेरिया अधिकारी बेदी यादव ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओ को बुखार के मरीजों की खोज के लिये प्रशिक्षित किया गया है। 17जुलाई से 31जुलाई तक घर घर दस्तक अभियान संचालित किया जायेगा। एईएस की निगरानी के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है, इसके लक्षण दिखाई देते ही स्वास्थ्य केन्द्रों पर संदर्भन किये जाने का निर्देश दिया गया है।

नगर पालिका परिषद खाद्य व सफाई निरीक्षक नरेन्द्र कुमार व सत्य प्रकाश यादव ने बताया कि  ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में वाहक के घनत्व का आंकलन, स्रोतों में कमी, लार्वारोधी गतिविधियां तथा आवश्यकतानुसार फागिंग एवं छिड़काव बनाई गयी कार्य योजना के अनुसार किया जायेगा।

कार्यक्रम में एसीएमओ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण  डा. भैरव कुमार पांडेय, एसीएमओ डॉ बीके यादव, डीपीसी विवेक सिंह ,यूनिसेफ के मु. सलीम, कामख्या मौर्य, जेई कन्सल्टेन्ट डॉ उपेन्द्र सिंह नगर पालिका परिषद मऊ के कर्मचारी, गफ्फार तथा मलेरिया निरीक्षक राजेश यादव व  सरोज सिंह यादव तथा स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मचारी उपस्थित रहे।