आजमगढ़ की MP-MLA कोर्ट में माफिया मुख्तार अंसारी की शुक्रवार को वर्चुअल पेशी होनी थी। जो कंडोलेंस के चलते टल गई है। इस मामले में अब अगली तारीख 26 जून को गैंगस्टर और 302 के मामले में 27 जून को पड़ी है। माफिया मुख्तार अंसारी अभी बांदा जेल में बंद है। इससे पहले इस मामले में सात गवाहों के बयान हो चुके हैं।
मामला आजमगढ़ के तरवां थाना क्षेत्र के ऐरा कला गांव में 6 फरवरी, 2014 को सड़क निर्माण में लगे बिहार के मजदूर राम इकबाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मुख्तार अंसारी सहित 11 लोग आरोपी बनाए गए थे। मुख्तार अंसारी पर षडयंत्र रचने का आरोप लगा था। इसमें बाद में गैंगस्टर एक्ट का भी मुकदमा दर्ज हुआ था। मामले की सुनवाई आजमगढ़ MP-MLA कोर्ट में चल रही है। घटना में शामिल कई आरोपियों की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है।
मजदूर की हत्या के मामले में पुलिस का गवाह दुर्गा प्रताप सिंह 5 मई को अपने बयान से मुकर गया था। दुर्गा प्रताप सिंह ने बयान दिया था कि इस हत्या की साजिश मुख्तार अंसारी ने रची है। इस मामले में सुनवाई के दौरान गवाह दुर्गा प्रताप सिंह ने कहा, उसने पुलिस को इस तरह का कोई बयान नहीं दिया था। ना ही वह घटना से जुड़े किसी लोगों को जानता है।
अभियोजन पक्ष की तरफ से एडीजीसी गोपाल पांडेय ने कड़ा ऐतराज किया था। उन्होंने कोर्ट से कहा था, लगता है गवाह डर या लालच के कारण अपने दिए गए बयान से मुकर रहा है। एडीजीसी के इस ऐतराज पर कोर्ट ने भी गवाह से इस संबंध में पूछताछ की थी। गवाह ने कोर्ट को भी बताया कि उसे किसी भी तरह का कोई भय नहीं है ना ही लालच है। वह अपनी मर्जी से यह बयान दर्ज करा रहा है। वकील प्रदीप सिंह का कहना है कि इस मामले में 18 गवाह हैं। दुर्गा प्रताप सिंह छठवां गवाह था। अभी 12 और गवाह हैं, जिनकी गवाही अदालत में होनी है।