प्रोफेसर डॉक्टर ए के मिश्रा हुए सेवानिवृत्त


मऊ। शहर के डीसीएसके पीजी कालेज के दो बार प्राचार्य और महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय के कला संकाय के डीन रहे प्रो.डा.एके मिश्रा शुक्रवार यानि 30 जून 2023 को उच्च शिक्षा में कई इतिहास और कीर्तिमान बनाकर सेवानिवृत्त हो गए। 27 जनवरी 1985 से लगभग 38 वर्षों के कार्यकाल में डा.मिश्रा ने ग्रामीण क्षेत्र के डीसीएसके पीजी कालेज में जहां कई नये संकायों की पढ़ाई सुलभ कराई, वहीं वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विवि जौनपुर और एमएसडी राज्य विवि की ओर से सौंपी गई कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन किया। बड़ी बात यह भी कि डा.एके मिश्रा भारत के उन गिने-चुने प्रोफेसरों में हैं, जिन्होंने पूर्वांचल विवि के प्रथम शोध निर्देशक के रूप में सर्वाधिक 42 शोध छात्रों का निर्देशन करते हुए उनको पीएचडी की उपाधि दिलाया।  
डीसीएसके पीजी कालेज के अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष के रूप में प्रोफेसर डा.एके मिश्रा अनेको बार विश्वविद्यालयी स्तर पर गठित शोध परिषद, पाठ्यक्रम समिति, विद्या परिषद आदि के सदस्य व संयोजक रहे हैं। अपने कार्यकाल में एक दर्जन पुस्तकों के संपादन के साथ ही डा.मिश्रा के 50 से अधिक शोध पत्र देश की प्रतिष्ठित शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए। महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद न सिर्फ विवि के पहले प्रोफेसर बने, बल्कि कला संकाय के डीन व पाठ्यक्रम समिति के संयोजक का भी दायित्व संभाला। डा.एके मिश्रा उन विरले शोध निर्देशकों में से हैं जिन्होंने खुद अपने ही अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष को अपने शोध निर्देशन में पीएचडी कराया। अनुशासन और उच्च शिक्षा के मामले में डीसीएसके पीजी कालेज को सफलता की बुलंदियों पर ले जाने वाले प्रो.डा.एके मिश्रा को विदा होते देख कालेज के हजारों छात्रों, साथी शिक्षकों व प्रबंध तंत्र के पदाधिकारियों की भी आंखें भावुक हो आईं।