मऊ। पूर्व समाजवादी नेता और अब मऊ नगर पालिका परिषद के हालिया निकाय चुनाव में बेहद नाटकीय ढंग से बसपा का टिकट हासिल करके चुनाव मैदान में उतर पड़ने वाले अरशद जमाल ने विगत रात्रि स्थानीय मोहल्ला पहाड़पुर ईदगाह के विस्तृत प्रांगण में एक भव्य जनसभा आयोजित करके अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को सकते में डाल दिया है, जिसमें नगर के कोने-कोने से मतदाताओं का एक भारी जन सैलाब उमड़ पड़ा था। इस अंतिम जनसभा में बसपा के शीर्ष नेता व पदाधिकारी खासी संख्या में मंच पर मौजूद रहे जिसमें रसड़ा के बसपा विधायक उमाशंकर सिंह, पूर्व विधायक जालम उर्फ गुड्डू जमाली, बसपा के चीफ कोऑर्डिनेटर डॉ. विजय प्रताप, घोसी के सांसद प्रतिनिधि गोपाल राय, बसपा के जिलाध्यक्ष राज विजय, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व विधायक कामरेड इम्तियाज अहमद, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव विरेंद्र कुमार, पूर्व राज्यसभा सांसद सालिम अंसारी, नगर पालिका परिषद मऊ के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी अरशद जमाल, पूर्व सभासद मिठाई लाल गौतम और शेषनाथ सिंह आदि ने संबोधित किया। इस अवसर पर प्रसिद्ध शायर जोहर कानपुरी और शबीना अदीब भी मौजूद रहे।
इस मौके पर अपने जज्बाती भाषण में अरशद जमाल ने कहा कि मऊ की संवेदनशील जनता के बीच रहकर अपनी राजनीतिक गतिविधियों और जन सेवाओं के चलते उन्हें अत्यंत कठिन पगडंडियों से गुजरना पड़ा। इस बीच उन्हें कई बार शासन-प्रशासन का उत्पीड़न भी झेलना पड़ा। उन पर दर्जनों मुकदमे कायम किए गए जिसका सिलसिला इस चुनावी मुहिम के दौरान भी जारी है जिसमें मुझ पर फिर से दो मुकदमे कायम कर दिए गए हैं। क्योंकि मेरी सफलता के स्पष्ट संकेत और जनता के रुझान को देखकर मेरे प्रतिद्वंदी सख्त परेशान हैं और एक योजनाबद्ध साजिश के तहत उन्हें प्रशासन के द्वारा तरह-तरह से उत्पीड़ित और परेशान किया जा रहा है। इसी साजिश के तहत चुनाव प्रचार पर लगी मेरी दो गाड़ियों और दो टेंपो को भी सीज कर दिया गया जिसके चलते मजबूरन अब मुझे अपनी स्कूटी का सहारा लेकर चुनाव प्रचार करना पड़ रहा है। लेकिन इन सबके बावजूद मेरे प्रतिद्वंदी मेरे हक में जबरदस्त जनसमर्थन और प्रेम को सीज नहीं कर पाए।
सभा को संबोधित करते हुए बसपा के नेताओं का आमतौर पर विचार यह था कि शासन और प्रशासन के लोग अपने विरोधियों का गला दबाकर सत्ता पर काबिज होना चाहते हैं। उनका कहना था कि खुद को सेक्युलर कहने वाली एक पार्टी ने तो मुसलमानों का हमेशा राजनीतिक शोषण किया है और उन्हें केवल अपना वोट बैंक बनाकर अपना तख्तो-ताज सुरक्षित रखते रहे लेकिन खुद आज मुस्लिम वर्ग ना तो शांति एवं सुकून से जीवन बिता पा रहा है और न ही उसे उसका अधिकार ही दिया गया। जबकि बहुजन समाज पार्टी ने समाज के हरेक तबके के हितों की रक्षा की है। गौरतलब हो कि मऊ के अध्यक्ष पद के चुनाव में अरशद जमाल को शिकस्त देने के लिए बीजेपी ने मजबूत रणनीति तैयार की थी जिसके तहत उसने दलित उम्मीदवार अजय कुमार को मैदान में उतारकर दलित वोटों पर कब्जे की योजना बनाई थी लेकिन बसपा ने इस योजना को नाकाम कर दिया।
सभा की अध्यक्षता बसपा के नगर अध्यक्ष मुख्तार हुसैन ने की और संचालन पूर्व सभासद इखलाक ने किया।