जिला चिकित्सालय स्थित विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कुॅवर मित्रेश सिंह कुशवाहा, सचिव की अध्यक्षता में च्ण्ब्ण्च्ण्छण्क्ण्ज्ण् ।बजण् 1996 (कन्या भू्रण हत्या) के सम्बंध में विधिक साक्षरता शिविर/जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव द्वारा यह कहा गया कि जो लिंग अनुपात है, यह भारत में घट रहा था, जिसके कारण 20 सितम्बर 1994 को पी0सी0पी0एन0डी0टी0 एक्ट लाया गया, जिसके अन्तर्गत लिंग निर्धारण के गर्भाधान पूर्व तथा प्रसव पूर्व भ्रूण का लिंग निर्धारण निषेध कर दिया गया। यदि कोई चिकित्सक अथवा अल्ट्रासाउण्ड सेण्टर या अन्य कोई लिंग निर्धारण से सम्बंधित व्यक्ति,प्रयोगशाला अथवा निदान केन्द्र भू्रण का लिंग निर्धारण करता हुआ पाया जाता है तो उसके विरुद्ध पी0सी0पी0एन0डी0टी0 एक्ट 1994 के अन्तर्गत सजा का प्राविधान है। सचिव द्वारा सभी उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारी मातृशक्ति बन्दनीय है। लड़की और लड़का में कोई भेद नहीं है। पूरे विश्व में लड़किया अपनी योग्यता और क्षमता के बल पर परचम लहरा रही है। कोई भी कार्य हवाई जहाज उड़ाने से लेकर पहाड़ पर चढ़ने, सेेना में जाने अथवा समुद्र में गोता लगाने तक कार्य भी कार्य मातृशक्ति के लिए असंभव नहीं है। खेल कूद से लेकर ओलम्पिक के अनेकों उपक्रमों में महिलाओं ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। अतः यह सोचना कि लड़की समाज के लिए कोई समस्या है, बिल्कुल गलत है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 नरेश अग्रवाल ने कहा कि सभी निदान केन्द्र कानून का आदर करते हुए कभी भी लिंग के निर्धारण सम्बंधी कार्य न करें। यह कानून को न मानने पर कोई भी चिकित्सक चाहे कितना भी योग्य क्यों न हो, उसका जीवन व्यर्थ हो जाता है।
जिला क्षय रोग अधिकारी तथा पी0सी0पी0एन0डी0टी0 के नोडल अधिकारी डा0 जी0सी0 पाठक ने कहा कि शास्त्रों में पूर्व से ही वर्णित है कि नारी सदैव बन्दनीय है,नारी शक्ति स्वरुपा हैं, नारी साक्षात लक्ष्मी का अवतार हैं। नारी सेवा का प्रतीक भी है। हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति में ऐसा कहा गया है कि जिस समाज में नारी को सम्मान नहीं मिलता, उस समाज का पतन हो जाता है। वहाॅ की सुख समृद्धि समाप्त हो जाती है। नारियों ने सिविल सेवा से लेकर न्यायिक सेवा, मेडिकल सेवा,इन्जिनियरिंग की सेवा तथा आध्यात्मिक जगत में पुरुषों से आगे बढ़ चढ़कर अपनी उपस्थिति का समाज में डंका बजाया है। अन्त में उन्होंने कहा कि वर्तमान परिवेश में पी0सी0पी0एन0डी0टी0 एक्ट एक महत्वपूर्ण कानून है। मऊ में लिंग अनुपात अपेक्षाकृत अच्छा है। इसके लिए उन्होंने सभी लोगों को बधाई दी।
वहाॅ उपस्थित डा0 वी0के0 यादव, डा0 वकील अली, डा0 आर0बी0 सिंह, विवेक सिंह, श्री नागेन्द्र पाण्डेय, मु0सरफराज मुख्य फार्मासिस्ट,तथा जनपद से आये हुए अनेकों चिकित्सक अस्पतालों के प्रबंधक तथा निदान केन्द्रों के प्रतिनिधि तथा अनेकों अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने जागरुकता शिविर किया तथा अपने विचार व्यक्त किये। अन्त में डा0 जी0सी0 पाठक ने सभी लोगों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।