अब पैसेंजर और डेमू की जगह अब सिर्फ मेमू ट्रेने चलेंगी, बदल जाएगी रेल यात्रा की तस्वीर

Train news
Train news

 रेलवे यात्रियों के लिए अच्छी खबर है बता दें कि रेलवे यात्रा की तस्वीर बदलने वाली है मिडिया खबर के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे में अब पैसेंजर ट्रेनो और डेमू की जगह अब सिर्फ मेमू (मेन लाइन इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट) ट्रेने चलाई जाएंगी। आप जान लें कि 90% मार्गो का विद्युतीकरण हो जाने के बाद पूर्वोत्तर रेलवे ने 80 मेमू ट्रेन चलाने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे को सीसीकैमरा से युक्त एक मेमू ट्रेन का रेक रेलवे प्रशासन के प्रस्ताव पर उपलब्ध करा दिया है इसकी जांच औड़िहार स्थित शेड में की जाएगी।

मिली नई मेमू ट्रेन का रुट अभी निर्धारित नहीं हुवा है लेकिन रेलवे प्रशासन इसे गोरखपुर- भटनी- छपरा- औड़िहार मार्ग पर चलाने की तैयारी है ऐसा इसलिए ताकि रेक की धुलाई सफाई और मरम्मत औड़िहार शेड में हो सके। बता दें कि पूर्वोत्तर रेलवे में अभी ओड़िहार शेड में ही डेमू और मेमू ट्रेनों की मरम्मत होती है शेड बनाने की योजना गोरखपुर जंक्शन के आसपास किया जा रहा है इसके लिए सर्वे भी हो चुका है लेकिन  अभी जगह चिन्हित नहीं किया गया।

आपको बता दें कि पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल स्थित बलिया- प्रयागराज, मऊ-प्रयागराज रामबाग, गाजीपुर- प्रयागराज संगम और वाराणसी सिटी- भटनी रेलखंड पर 4 मेमू ट्रेने चल रही हैं। इसके अलावा गोरखपुर सहित लखनऊ, वाराणसी और इज्जत नगर मंडल के सभी मार्गों पर धीरे धीरे मेमू ट्रेने चलने लगेंगी। रेलवे बोर्ड वर्ष 2023 तक सभी रेल मार्गों का विद्युतीकरण करने का लक्ष्य रखा है। आप जान लें कि 85 पैसेंजर सहित 125 ट्रेन पूर्वोत्तर रेलवे में संचालित हैं बता दें कि पैसेंजर ट्रेनों में पुराने आईसीएफ कोच लगते है इन कोचों का निर्माण अब रेलवे बंद कर चूका है और उनके जगह आधुनिक लिंक हाफ मैन बूश एलएचबी लग रहे हैं।नयी मेमू ट्रेने 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी

  • मेंमू ट्रेन के आगे और पीछे होता है इंजन
  • स्टेशनों पर नहीं बदलना पड़ता है इंजन
  • जल्दी रफ्तार पकड़ लेती है ये ट्रेने
  • समय की भी होगी बचत
  • डीजल की होगी बचत, पर्यावरण को भी होगी संरक्षण
  • एक दिन सप्ताह में होती है धुलाई