उत्तर प्रदेश से बसपा सांसद अतुल राय ने बाहुबली सांसद मुख्तार अंसारी से अपनी जान को खतरा बताया था. इसी वजह से मुख्तार अंसारी को पंजाब से यूपी के नैनी सेंट्रल जेल में शिफ्ट करने के बजाय बांदा भेजा गया. यह खुलासा प्रयागराज के एसपी इंटेलिजेंस की एक गोपनीय रिपोर्ट से हुआ है. उस रिपोर्ट की कॉपी आजतक के हाथ लगी है. बताते चलें कि बीते 5 अप्रैल को इस संबंध में आजतक ने एक खबर भी चलाई थी. जिस पर इस खुफिया रिपोर्ट ने मोहर लगा दी.
यूपी की घोसी लोकसभा सीट बसपा सांसद अतुल राय ने इसी साल मार्च में सीएम योगी और एमपी/एमएलए कोर्ट को पत्र लिखकर बसपा के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी से अपनी जान को खतरा बताया था. सांसद ने मुख्तार अंसारी पर उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था. सांसद अतुल राय ने पत्र में सीएम और कोर्ट से अपील करते हुए कहा था कि मुख्तार अंसारी को नैनी जेल में शिफ्ट ना किया जाए क्योंकि वो उनके लिए खतरा बन सकते हैं.
इसी के बाद मऊ के विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब की रोपड़ जेल से यूपी की बांदा जेल में लाया गया था. दरअसल, सांसद अतुल राय की गुहार पर प्रयागराज के एसपी इंटेलिजेंस ने इस मामले में एक खुफिया जांच की थी. जिसमें उन्होंने अतुल राय की जान को खतरा होने की बात की पुष्टि की थी. उस रिपोर्ट की कॉपी आजतक के हाथ भी लगी है. यह खुफिया रिपोर्ट हाल ही में सामने आई है.
गौरतलब है कि 6 मार्च 2020 में वाराणसी के तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने सांसद अतुल राय के पिता के पुनर्विवेचना पत्र और साक्ष्यों के आधार पर एसपी सिटी वाराणसी और सीओ भेलूपुर से जांच कराई थी. जिसमें आपराधिक साज़िश की बात सामने आई थी. दोनों ही अधिकारियों ने अग्रिम विवेचना की संस्तुति की थी. लेकिन वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ने अग्रिम विवेचना का आदेश पारित नहीं किया था. माना जा रहा था कि मामला विपक्ष के सांसद का है, लिहाजा इस केस में पक्षपात किया गया था.