कोरोना काल में गैर संचारी रोगों के प्रति रहें सतर्क
गैर संचारी रोगियों पर कोरोना पड़ सकता है भारी
संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर रखें खास ख्याल
कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से करें पालन
मऊ, 14 जून 2021-
कोविड-19 काल में गैर संचारी रोगों (नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज) जैसे मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, कैंसर आदि से ग्रसित व्यक्तियों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है । पूर्व से किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों को कोरोना का सबसे अधिक खतरा माना जा रहा है। पहली लहर के आरंभ में स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीण स्तर पर स्थापित हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से सभी को समय-समय पर 'गैर संचारी और संचारी' रोगों को लेकर जागरूक किया जाता रहा लेकिन फिर भी दूसरी लहर ने गैर संचारी रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को ज्यादा प्रभावित किया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश चंद्र सिंह ने बताया - गैर संचारी रोगों की वजह से देश में मरने वालों की संख्या पूर्व से ही ज्यादा रही है जिसमें 35 से 65 के बीच के उम्र के लोग ज्यादा शामिल हैं। गैर संचारी रोगों में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कर्क रोग (कैंसर), मुंह का कैंसर, छाती का कैंसर और बच्चेदानी का कैंसर सहित अन्य बीमारियों को शामिल किया गया है। इन रोगों के कारण मनुष्य के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे व्यक्ति आसानी से किसी भी रोग के ग्रसित हो जाते हैं । उन्होने कहा कि कोरोना काल में कोविड प्रोटोकॉल की अनदेखी थोड़ी सी लापरवाही के चलते मधुमेह और उच्च रक्तचाप के रोगी आसानी से इसकी चपेट में आये, वहीं कर्क के रोगी इस मामले में दूसरे स्थान पर रहे।
डॉ सतीशचंद्र सिंह ने बताया - रिकॉर्ड के अनुसार पहले भी गैर संचारी रोगों के कारण ग्रामीण और शहरी दोनों जगह पर मृत्यु संख्या काफी चिंताजनक थी, जिसके लिए सरकार ने नगर से ग्राम स्तर तक स्वास्थ्य चिकित्सा इकाईयों के लिये स्वीकृति दिया था। जहां गैर संचारी रोगियों की देखभाल और उनके आंकड़ों को इकट्ठा करने की शुरुआत की थी। सीएमओ ने कहा कि गैर संचारी रोगी चिकित्सक की सलाह व परामर्श पर टीकाकरण जरूर कराएं।
जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबन्धक (डीसीपीएम) संतोष सिंह ने बताया - जिले में शहर से ग्रामीण स्तर तक स्वीकृत 118 सब सेंटरों में 96 हेल्थ एंड वेलनेश सेंटर क्रियाशील हैं, जिसमें 22 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, तीन नगरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों माध्यम से गैर संचारी रोगियों का 25 केंद्रों पर मेडिकल ऑफिसर (एमबीबीएस) तथा शेष 71 पर कम्युनिटी हेल्थ अफसर (सीएचओ) द्वारा निःशुल्क परामर्श, चिकित्सा के साथ कोरोना का टीकाकरण किया जा रहा है।
महामारी विशेषज्ञ रविशंकर ओझा ने बताया - कोरोना महामारी का खतरा अभी टला नहीं है। यह केवल धीमा हुआ है, जब तक समाज के सभी लोग टीकाकरण नहीं करा लेते हैं, तब तक जोखिम ज्यादा है। वैसे भी विशेषज्ञों ने संभावित तीसरी लहर की बात कही है और ऐसे में कोरोना के दूसरी लहर में उच्च रक्तचाप और मधुमेह के रोगी ज्यादा पॉज़िटिव हुए हैं। इसलिए आने वाले समय में इससे बचने के लिए कोविड-19 प्रोटोकाल का गैर संचारी रोगियों के साथ सभी को कड़ाई से पालन करना चाहिए, साबुन-पानी से बार–बार हाथ का धोना, सभी से कम से कम दो गज की दूरी बना कर रखना व दोहरे मास्क का प्रयोग करना चाहिए।

