मऊ ब्लाक परदहा के ग्राम परसपुरा निवासी दिबव्यांग अभिषेक पाण्डेय पिता यक्ष लक्ष्मण पाण्डेय के पुत्र हैं। ट्रेन दुर्घटना में दोनो पैर जड़ से खो चुके।अभिषेक की दो बहनें हैं।पिता भी हर्ट पेटेंट है।और काफी संघर्ष भरा वो और उनका परिवार जीवन व्यतीत कर रहे हैं।इलाज में जमीने भी बिक्री कर दी गईं।पर दिव्यांग अभिषेक पाण्डेय कभी हार नहीं माने।और सोसल मीडिया में हमेशा चर्चा में बने रहते हैं।और लोग उनके हिम्मत हौसले को सलाम करते हैं। दिव्यांग अभिषेक पाण्डेय एम एल सी ए के शर्मा जी से सोसल मीडिया से मिलने की अपील किए।और उसके बाद उनके पी ओ और उनके छोटे भाई का काल आया और मिलने के लिए बुलाया गया।
दिव्यांग अभिषेक पाण्डेय और उनके पिता और साथ मे मिशन शक्ति की समाजसेवी विनिता पाण्डेय और भाजपा की महामंत्री समाजसेवी नुपूर अग्रवाल ने दिव्यांग अभिषेक पाण्डेय के नौकरी की अपील की ।विनीता पाण्डेय जी और नुपूर अग्रवाल जी एम एल सी ए के शर्मा जी से विनम्र निवेदन किये।कि एक सरकारी नौकरी मिले।जिससे बच्चे को किसी के उपर बोझ बनकर जीवन व्यतीत न करना पड़े।और आत्मनिर्भर बन अपने जीवन में अपने सारी परेशानियों को खत्म कर सके।एम एल सी ए के शर्मा जी पूर्ण आश्वासन भी दिए।और अभिषेक के बातो और हिम्मत साहस धैर्य को देख काफी खुश और प्रभावित हुए।वहां लोग अभिषेक के हिम्मत के मुरीद हो गए। उम्मीद है जल्द ही दिव्यांग अभिषेक पाण्डेय की सारी परेशानियां खत्म होगी।और वो खुशी से जीवन व्यतीत करेंगे। अभिषेक ने मिशन शक्ति की टीम विनिता पाण्डेय जी और नुपुर अग्रवाल जी का आभार व्यक्त किए।
एमएलसी सर ने पूर्ण आश्वासन दिए कि पूरा प्रयास किया जाएगा। अभिषेक ने कहा सर मऊ की मुस्कान की जो मुहिम आपने चलाई है।वो काबिले तारीफ है। इतना कहते ही एमएलसी सर ने हमें बोले आपके चेहरे पर भी मुस्कान लाने का प्रयास ही नहीं बल्कि पूर्ण रूप से लाऊंगा।और मैंने खुल के अपने दिल की बात तकलीफ़ दर्द उनके सामने रखा।और उन्होंने मुुझे पूरा भरोसा भी दिए।और साथ में इंडिया रिकार्ड, एशिया रिकार्ड, वर्ल्ड रिकार्ड बुक में नाम शामिल और मेरे हिम्मत को सराहते सराहा और सर पे हाथ रख के आशीर्वाद देते हुए मेरे उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए बधाई एवं शुभकामनाएं भी दिए।
सभी युवाओं और लोगों का जो प्यार सम्मान और आशीर्वाद मिला उसे पाकर मैं अभीभूत हो गया।और आंखें नम हो गई है। दिव्यांग अभिषेक पाण्डेय की उम्मीद जग गई है।और वो बहुत खुश भी हैं।


