शारदा नारायण हासपिटल में विश्व स्तनपान दिवस पर डाक्टरों ने गर्भवती महिलाओं को निशुल्क स्तनपान से बचाव के तरीके बताये

  मऊ-- शारदा नारायण हासपिटल के सभागार में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया जिसमें शारदा नारायन हास्पिटल कि इन्फर्टिलिटि स्पेश्यिलिस्ट डा0 एकिका सिंह व बाल रोग विशेषज्ञ डा0 गौतम कुमार ने बताया कि विश्व स्तनपान के पुरे सप्ताह शारदा नारायन हास्पिटल में गर्भवती महिलाओ को निःशुल्क स्तनपान के बारे में जानकारी दी जायेगी। इस अवसर पर डा0 एकिका सिंह ने बताया कि हर साल 1 अगस्त से 7 अगस्त के बीच विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य केवल और केवल स्तनपान को बढ़ावा देना है। मां का दूध शिशुओं के लिए अमृत समान होता है। इसके सेवन से शिशु कुपोषण व अतिसार से सुरक्षित और संरक्षित रहता है। इसके साथ ही स्तनपान कराने से महिलाओं को भी फायदा मिलता है। इससे महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और प्री-मोनोपोजल गर्भाशय के कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। मां के दूध में जरूरी पोषक तत्व के साथ ही एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जिससे शिशुओं के संपूर्ण शरीर का विकास होता है। मां का दूध शिशुओं का सर्वोत्तम आहार है। शिशु के जन्म के बाद मां के पहले दूध को कोलोस्ट्रम कहते हैं, जो 4-5 दिनों तक निकलता रहता है। इस दूध के सेवन से शिशु कई प्रकार की बीमारियों से सुरक्षित रहता है। शिशुओं के जन्म से लेकर 6 महीने तक मां का दूध ही पिलाना चाहिए।
वही शारदा नारायन हास्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ व एम्स नई दिल्ली के भूतपूर्व चिकित्सक डा0 गौतम कुमार ने स्तनपान के लाभ के बारे में बताया कि मुख्य रूप से जन्म के पहले तीन दिन का पीला-गाढ़ा दूध (कोलॉस्ट्रम) पिलाने से शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है, जिससे बच्चों में डायरिया से मरने की संभावना करीब 11 बार कम होती है और निमोनिया से मरने की संभावना करीब 15 गुना कम हो जाती है। ऊपरी दूध पर पले बच्चों में मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज व फूड एलर्जी की संभावना अधिक है। स्तनपान द्वारा इन रोगों से बच्चे को बचाया जा सकता है।इस अवसर पर आई0एम0ए0 अध्यक्ष डा0 संजय सिंह,क्रिटिकल केयर स्पेश्यिलिस्ट डा0 सुजित सिंह,शिवकुमार सिंह,मनीष,दुर्गेश आदि उपस्थित रहे।