मऊ के लाल को दिल्ली एम्स मे (डीएम, हृदय रोग) के लिए मिला प्रवेश, जिले का नाम किया रोशन


 --मऊ- मऊ जनपद के मुहल्ला बुलाकीपुरा निवासी अबुल कलाम के पुत्र डाक्टर मोहम्मद लुकमान ने देश की सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा शिक्षा संस्थान दिल्ली एम्स के डी.एम. हृदय शल्य चिकित्सा (आईसीयू)की आल इंडिया दस सीट में से एक सीट अपने नाम करते हुए प्रवेश प्राप्त किया है।
अब यह दिल्ली एम्स से डी.एम की डिग्री हृदय शल्य चिकित्सक के रूप में प्राप्त करेंगे। इस पढ़ाई के बाद डॉक्टर लुकमान हृदय शल्य चिकित्सक के सुपर स्पेशलिस्ट होकर अपनी सेवाएं देंगे।
डॉक्टर लुकमान ने अपनी प्राइमरी से हाई स्कूल शिक्षा अल्फरुक मॉडल स्कूल और फातिमा स्कूल से हासिल की। इंटर मीडिएट, एमबीबीएस और एमडी की पढ़ाई अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पूरी की है।

इस सफलता पर डाक्टर लुकमान का कहना है कि यह सब मेरी मां शगुफ्ता यासमीन की दुआओं और मेरे प्रति दी गई कुर्बानीयों का नतीजा है। मैं एक चिकित्सक के रूप में देश की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हूँ, जिससे लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।

डॉक्टर लुकमान के पिता लुकमान के नाना स्वर्गीय मुमताज़ वतनी के नाम से एमवी पब्लिक स्कूल के नाम से अपने घर में ही छोटा सा स्कूल चलाते है। लुकमान की अम्मी शगुफ्ता यासमीन ने जीवन में बहुत जद्दो जेहद की। फातिमा स्कूल में शिक्षिका रहीं, अफरुक मॉडल स्कूल में प्रधानाचार्य के पद पर कार्य किया। इस समय बीटीसी शिक्षक के रूप में सरकारी स्कूल में अध्यापक है।

डॉक्टर लुकमान की पत्नी अमल शहरयार भी चिकित्सक है। डॉक्टर अमल शहरयार मुस्लिम विश्व विद्यालय के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में सीनियर रेजिडेंट है।

डॉक्टर लुकमान के बड़े भाई मोहम्मद सैफ ने मुंबई आईआईटी से कमियाबी हासिल की। सैफ इस समय बर्लिन में मैक्स डीलबरक सेंटर से पीएचडी कर रहे हैं।

डॉक्टर लुकमान और उनके परिवार की कहानी बताने का ये मकसद है के कमियाबी किसी को भी मिल सकती है, अगर आप में लगन, निष्ठा और मेहनत करने की हिम्मत है। डॉक्टर लुकमान की अम्मी समाज के लिए एक आदर्श महिला हैं, और सम्मान के लायक भी के कठिन से कठिन हालात में भी हिम्मत नहीं हारी और काम करती रहीं। शगुफ्ता यास्मीन ने शिबली कॉलेज आजमगढ़ से उस समय एमएससी किया था जब मऊ जैसे छोटे शहर में कम ही लडकिया साइंस की पढ़ाई करती थी।

डॉक्टर लुकमान के नाना मुमताज़ वत्नी साहब ने अपने सभी बच्चो को खूब तालीम दिलाई थी। लुकमान के मामू अलीगढ़ मुस्लिम विशवविद्यालय में प्रोफेसर थे, दूसरे मामू प्रोफेसर एहतशम वतनी खाजा मोइनुद्दीन चिश्ती यूनिवर्सिटी में डीन है, और कामर्स विभाग के हेड है।
डॉक्टर लुकमान की इस सफलता पर प्रोफेसर एहतेशाम अहमद, पूर्व चेयरमैन अरशद जमाल, डिग्री कॉलेज में प्रेक्ता साईदस जफर, डॉक्टर ज़्याउल्लाह, ओज़ैर ग्रहस्थ, शहनाज़ महजबीन, जावेद चंदन, खुर्शीद सुपर, अनवर ओसवाल, मुस्तफा चमन, मुफ्ती अनवर अली, सुभान अलीग, बैस तरफदार, अरशद अलमास इत्यादि लोगो ने बधाई दी है।
साभार --अरशद जमाल पूर्व चेयरमैन मऊ