हर वर्ष वैलेंटाइन डे के दिन होती है गीता वाचन प्रतियोगिता
एंकर - आज चौदह फरवरी यानी वैलेंटाइन डे के दिन बच्चों को पाश्चात्य सभ्यता को न अपनाकर अपने भारतीय संस्कृति को समझने के उद्देश्य से ब्राह्मण विकास परिषद हर वर्ष गीता वाचन प्रतियोगिता का आयोजन करता है । वही आज नगर क्षेत्र के तत्व बोध इंटर कालेज में गीता वाचन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें जनपद के 22 स्कूलों के बच्चों ने प्रतिभाग किया । शुद्ध एवं सही व्याख्या प्रस्तुत करने वाले तत्त्वबोध इंटर कालेज के देवेश पांडेय ने प्रथम स्थान , सेंट्रल पब्लिक स्कूल की अंजली चतुर्वेदी ने द्वितीय स्थान तो वहीं राम स्वरूप भारतीय स्कूल की शोम्या उपाध्याय ने तीसरा स्थान प्राप्त किया ।
प्रथम , द्वितीय , एवं तृतीय पुरष्कार प्राप्त करने वाले बच्चों को ब्राह्मण विकास परिषद के मुख्य संरक्षक एवं जाने माने शल्यक डॉ एस सी तिवारी ने पुरष्कार देकर सम्मानित किया । वही इस गीता वाचन प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले 51 बच्चों को प्रस्सति पत्र देकर उनको भी सम्मानित किया गया । इस बाबत ब्राह्मण विकास परिषद के मुख्य संरक्षक डॉ एस सी तिवारी ने कहा कि वैलेंटाइन डे हर जगह पाश्चात्य संस्कृति के रूप में हर जगह मनाया जा रहा है । बच्चे भी इस पर्व का सही अर्थ न लेकर गलत पथ पर जा रहे थे । कई वर्ष पहले हमलोगों ने इसको ध्यान में रखते हुवे बच्चों के अंदर संस्कार पैदा करने के लिए गीता वाचन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है । बच्चे गीता को श्लोक को पढ़कर उसका अर्थ भी बताते हैं आशय ये है कि श्री मद्भागवत गीता में जो ज्ञान है वो किसी एक धर्म विशेष का नही बल्कि भारतीय संस्कृति की है । गीता में हर परिस्थिति में कैसे मनुष्य को पालन करना चाहिए दिया गया है , बच्चों के अंदर में पढ़ाई को लेकर अपने माता पिता और कठिन परिस्थिति में कैसे रहा जाए इसका ज्ञान प्राप्त हो यही सोच कर गीता वचन प्रतियोगिता किया जा रहा है । उस प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को सम्मानित भी किया गया है ।